दिल्ली : कोविड-19 कोरोनावायरस के चलते पूरे विश्व में उथल-पुथल मच गई डब्ल्यूएचओ द्वारा वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद कोरोनावायरस में लोगों के जीने का तरीका बदल दिया विश्व की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है इसमें भारत को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है वहीं जानकार मानते हैं केंद्र सरकार ने उद्योगों को 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया है जिससे उद्योगों के हालातों में सुधार आएगा या नहीं इस पर हमने कई उद्योगपतियों से चर्चा की उन्होंने बताया कि आज वैश्विक महामारी के चलते देश की पूरी अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है आज उद्योग वेंटिलेटर पर पहुंच गए हैं इन को बचाने के लिए सरकार को प्रभावी तरीके से काम करना होगा पूर्व लघु उद्योग भारती एनईए. अध्यक्ष सुभाष चुग मानते हैं उद्योगों को राहत देने के लिए सरकार को जमीन पर काम करना होगा आज उद्योगों पर भारी विद्युत बिल तथा बैंकों का ऋण के ब्याज का भारी दबाव है इसको खत्म करने के लिए सरकार विद्युत मिनिमम चार्ज माफ करें तथा बैंक को का ब्याज करोना काल के दौरान का माफ किया जाए और उद्योगों को लोन नहीं चाहिए बल्कि उनको सरकार द्वारा राहत पैकेज चाहिए ताकि इंडस्ट्री दोबारा से जीवित हो सके चुग बताते हैं भारत चाइना के औद्योगिक संबंध बिगड़ने से भारत के उद्योगों का उज्जवल भविष्य होगा चौकी सारा माल भारत में बनकर विदेशों तथा भारत में बिकेगा l
वही पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष फेडरेशन ऑफ यूपी. इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के निर्मल सिंह नामधारी का मानना है सरकार यदि उद्योगों को राहत देने की बात करती है लेकिन उन तक राहत पहुंच नहीं पाती है आज उत्तर प्रदेश की बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाई बंदी के कगार पर है यदि प्रदेश ने सरकार इन इकाइयों की और अब नहीं देखा तो यहां की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी क्योंकि आज औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली औद्योगिक इकाइयों के पास पूंजी नहीं बची मजदूरों को भुगतान करने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा तथा कच्चा माल खरीदारी के लिए भी नगदी की आवश्यकता अधिकांश पड़ती है और बैंकों में पैसा ना होने के कारण भुगतान करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं यदि सरकार को उद्योगों से रेवेन्यू चाहिए तो सरकार को बिजली का मिनिमम चार्ज माफ करना होगा तथा करोना काल के दौरान का बैंकों द्वारा कर्ज पर लगाया गया ब्याज़ माफ करना होगा और उद्योगों को राहत पैकेज देना होगा तभी उद्योगों में नवीन ऊर्जा का विकास होगा और देश तरक्की की ओर बढ़ेगाl
वैश्विक महामारी कोविड-19 पर इंडस्ट्रीज फॉर्म साहिबाबाद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक धीर का मानना है आज विश्व भारत की ओर देख रहा है चाइना से बंद हुई औद्योगिक इकाइयां भारत में अपना भविष्य तलाश रही हैं यदि सरकार उद्योगपतियों को सिंगल विंडो को लागू करा दे तो यहां पर उद्योग लगाना और उसको संचालित करना बहुत ही आसान हो जाएगा अशोक धीर बताते हैं योगी सरकार से उत्तर प्रदेश उद्योगों को राहत की आस थी लेकिन योगी सरकार ने उद्योगों का कोई बड़ा कार्य अभी तक हल नहीं किया है उत्तर प्रदेश में उद्योग चलाने के लिए उद्योगपतियों ने औद्योगिक जमीन को फ्री होल्ड करने की लंबे समय से मांग चली आ रही है इस और सरकार को काम करना चाहिए एमएसएमई आज देश की रीड की हड्डी बन चुकी है और आज यह है रीड की हड्डी बीमार है इसकी बीमारी का इलाज सरकार को बहुत जल्दी करना चाहिए ताकि देश के नागरिकों को 60% काम एमएसएमई उपलब्ध करा रही है आज इस इंडस्ट्री को सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद हैl
सरकार द्वारा राहत पैकेज उन लोगों को मिल पाता है जो राजनीति में ऊंचा रसूख रखते हैं या बैंक अधिकारी के रिश्तेदार हैं वही सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज का फायदा ले पाता है जोकि 90% लोगों को राहत पैकेज का फायदा नहीं पहुंच पाता है यदि देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से उभारने की बात है तो एमएसएमई प्रोजेक्टों पर सरकार को सही नियम बना उनको फायदा पहुंचाना पड़ेगा तभी देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकेगीl
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