मुजफ्फरनगर : लॉकडाउन के पिछले तीन माह के दौरान पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले केद्रीय उत्पाद शुल्क और कीमतों में बार बार की गई अनुचित बढ़ोतरी ने भारत के नागरिको को असीम पीड़ा व परेशानियां दी है। जहा एक तरफ देश स्वास्थ्य व आर्थिक महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल व डीजल की कीमतों और उस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को बार बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में मुनाफाखोरी कर रही है।
मोदी सरकार द्वारा भारत के नागरिको से की जा रही जबरन वसूली एकदम स्पष्ट परिलक्षित हो रही रही है। हम आपके ध्यान में निम्नलिखित अकाट्य व अखंदनिय अन्य तथ्य ला रहे हैं
1 मई 2014 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी । पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रू प्रति लीटर एवम् डीजल पर 3.46 रू प्रति लीटर था। पिछले 6 सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पादन शुल्क में 23.78 रू प्रति लीटर एवं डीजल पर 28.37 रू प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर दी है । चौंकाने वाली बात है कि पिछले 6 सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीजल के उत्पादन शुल्क में 820 प्रतिशत तथा पेट्रोल के उत्पादन शुल्क में 258 प्रतिशत की वृद्धि की गई ।
2 केवल पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पादन शुल्क में बार बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने पिछले 6 सालों में 18,00,000 करोड़ रु कमा लिए।
3 3 माह पहले लॉकडाउन लगाए जाने के बाद पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ा कर दो मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की सभी हदें पार कर दी गई ।
4 मार्च, 2020 को पेट्रोल व डीजल के मूल्य में 3 रू . प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।5 मई ,2020 को मोदी सरकार ने डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 13 रू प्रति लीटर और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रू . प्रति लीटर की बढ़ोतरी की ।7 जून, 2020 से
लेकर 24 जून, 2020 तक निष्ठुर मोदी सरकार ने 18 दिनों तक पेट्रोल व डीजल के मूल्य लगाकर बढ़ाए, जिससे डीजल का मूल्य 10.48 रू . प्रति लीटर एवम् पेट्रोल का मूल्य 8.50 रू . प्रति लीटर बढ़ गया ।
काजी सुल्तान , निर्मला देवी , जिला अध्यक्ष हरेंद्र त्यागी , शहर अध्यक्ष जुमेद रउफ , गुफरान काजमी , प्रवीण बालियान, संजय शर्मा , रिजवान अहमद आदि मौजूद रहे।
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