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तकनीकी शिक्षकों का विकल्प नही बल्कि सहायक हो सकता है - प्रो0 बी0 सुरेश

गाजियाबाद : आई0टी0एस0 काॅलेज आफ़ फार्मेसी, आई0पी0ए0यू0पी0एस0, तथा रिज्वाएस हेल्थ फ़ाउंडेशन नई दिल्ली, के संयुक्त तत्वाधान मे एक अंतर्राष्ट्रीय ई0कांफ्रेन्स जिसका शीर्षक एम्पाॅवरिंग हेल्थ केयर एंड फार्मा एजुकेशन इन 4-आई0 आर0 टेक्नोलाॅजी था, का आयोजन हुआ। जो पी0वी0पी0आई0 इंडिया द्वारा तकनीकी समर्थन प्राप्त था।


 


 


कार्यक्रम का उदघाटन, मुख्य अतिथि डाॅ0 बी0 सुरेश, अध्यक्ष पी0सी0आई0, विशिष्ट अतिथि, डाॅ0 शैलेन्द्र सर्राफ, उपाध्यक्ष पी0सी0आई0, मैडम अमीना अलहैदन, डायरेक्टर, लोटस, होलिस्टिक, यू0ए0ई, डाॅ0 मो0 कमिल, हेल्थ केयर लाइसेंसिग एव रिसर्च, यू0ए0ई0, डाॅ0 गोपाल नातेसन, डायरेक्टर एजुकेशन क्वालिटी एम0ए0एच0एस0ए0, मलेशिया, डाॅ0 ललित भारद्वाज, रिज्वाएस हेल्थ फ़ाउंडेशन, श्री अर्पित चड्ढा, वाईस चेयरमैन, आई0टी0एस0-द एजुकेशन ग्रुप, डाॅ0 एस0 सदीश कुमार, डायरेक्टर, आई0टी0एस0 काॅलेज आॅफ फार्मेसी, श्री आर0ए0 गुप्ता, सचिव, आई0पी0ए0यूपी एवं मेम्बर, सी0ई0जी, डाॅ0 पुनीत गुप्ता, मेम्बर सी0ई0सी0 आई0पी0ए0 एवं फैकल्टी एमिटी यूनिवर्सिटी के उपस्थिति मे सरस्वती वंदना के साथ सम्पन्न हुआ। 


 



डाॅ0 एस0 सदीश ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए 4-आई0 आर0 के ऊपर प्रकाष डाला एवं ग्रुप के वाईस चेयरमैन श्री अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।


डाॅ0 पुनीत गुप्ता ने कार्यक्रम के थीम की जानकारी देते हुए, वर्तमान मे फार्मेसी पाठ्यक्रम के बदलाव की जरूरत बताया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाॅ0 बी0 सुरेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमे समय के अनुसार तकनीकी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए, उन्होंने कहा कि तकनीकी, किसी भी शिक्षक का विकल्प नही बल्कि एक सहायक हो सकता है। उन्होंने कोविड-19 के बाद विश्व के अन्य देशों जैसे यू0के0 मे दवाओं के वितरण संबंधी परिवर्तन के बारे मे बताया तथा पी0सी0आई0 द्वारा उठाये गये कदम के बारे मे विस्तार मे बताया।


डाॅ0 शेलेन्द्र सर्राफ ने कहा कि हमे परिवर्तन को स्वीकार करते हुए, अपने शोध को मार्केट मे पहुंचाने हेतु आई0पी0आर0 का उपयोग करना चाहिए, उन्होंने योग्यतमकी अतिजिविता का उदाहरण दिया।


 


 


कार्यक्रम मे बोलते हुए श्री अर्पित चड्ढा ने तकनीकी के अधिकाधिक उपयोग एवं 4-आई0 आर0 के बारे मे तथा एजुकेशन 4.0 के बारे मे बताया उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षो मे तकनीकी का उपयोग इंम्पलांट मे किया जाएगा तकनीकी विकास समय की मांग है।


 


 


डाॅ0 नवल कुमार वर्मा, सलाहकार होमियोपैथी, आयुश मंत्रालय भारत सरकार ने तकनीकी, अल्टरनेटिव मीडियम तथा फार्मेसी विजिलेंस की चर्चा की तथा राष्ट्रीय होमियोपैथिक आयोग के बारे मे बताया। 


 


 


श्री आर0 ए0 गुप्ता ने आई0पी0ए0 एवं आई0एच0पी0ए0 के कार्यो का विस्तार से वर्णन किया उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं मे फार्मेसिस्टों के योगदान की बात की।


 


 


डाॅ0 कमिल ने हर्बल मेडिसीन के एक्सट्रेक्षन एवं प्रोसेसिंग के बारे मे विस्तर से बताया, उन्होंने 4-आई0 आर0 की चर्चा की तथा कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी भारत का लोहा मान चुका है। 


 


मैडम अमीन अल हैदन ने तकनीकी का उपयोग करने की सलाह दी।


 


 


डाॅ0 हिषेतो कोहयामा, अध्यक्ष रिज्वाएस जापान ने विभिन्न केस स्टडी एवं जापानी ट्रेडिषनल मेडिसीन के बारे मे विस्तार से बताया। डाॅ0 गोपाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र मे तकनीकी के प्रयोग से समाज को लाभांवित करने का होना चाहिए।


 


 


डाॅ0 अनुप्रिया बत्रा, अध्यक्ष रिज्वाएस यू0ए0ई0 ने कहा कि तकनीकी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, उन्होंने नैनो टेम्नोलाॅजी का हेल्थकेयर सिस्टम मे उपयोग पर चर्चा की और पाठ्यक्रम मे बदलाव की वकालत की।


डाॅ0 वेदती पैकियम, सी0एम0डी0 हेल्थ कांसेप्ट, मुम्बई ने हेल्थकेयर सिस्टम ने हो रहे बदलाव एवं कोविड-19 के समय उठाये गये कदमों की जानकारी दी।


 


 


डाॅ0 ललित भारद्वाज, रिज्वाएस हेल्थ फ़ाउंडेशन ने आयुर्वेदिक निष्ठा एव योग के बारे मे बताया उन्होंने कहा कि हमारे पारंपरिक हर्बल दवाओं का वेलिडेषन होना चाहिए एवं इसके लिए कार्य करने की जरूरत है।


श्री आशुतोष वर्मा, प्रवक्ता फार्मेसी प्रैक्टिस, मलेशिया ने प्रत्येक क्षेत्र से 4-आई0आर0 का सम्बन्ध विस्तार से बताया। तथा आर्टीफिषियल इंटेलिजेंस पर विस्तार से चर्चा की।


 


 


डाॅ0 टी0वी0 नारायण, अध्यक्ष आई0पी0ए0 ने आई0पी0ए0 के रोल एवं मेम्बर के बारे मे विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि तकनीकी एक महत्वपूर्ण घटक है, और फार्मा इंडस्ट्री मे डिजिटलाइजेषन के दौर से गुजर रहा है। 21वीं सदी फार्मेसी की सदी होगी।


 


 


डाॅ0 जगतेष रोजन्द्रन बोस, मेसोनिक मेडिकल रिसर्च न्यूयार्क, ने नैनोथिरेनोस्टिम्स पर विस्तार से चर्चा की उन्होंने नैनोथिरेनोस्टिक्स का उपयोग कैसे डायग्नोसिस मे किया जाता है पर चर्चा की।


 


 


श्री सुरेन्द्र सूद, डायरेक्टर-पी0आर0 आई0टी0एस0-द एजुकेशन ग्रुप ने कहा कि फार्मेसी के पाठ्यक्रम मे बदलाव पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, उन्होने आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस का प्रयोग दवाओं के क्षेत्र मे करने पर बल दिया और कहा कि इस तरह कांफ्रेंस ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए, कार्यक्रम की औरगेनाइजिंग सेक्रेट्री मिस नीलम सिंह ने बताया कि इस कांफ्रेंस मे 740 से अधिक प्रतिभागियो ने भाग लिया तथा विभिन्न पोस्टर एव ओरल प्रेजेंटेषन मे कुल 18 पुरस्कार दिये गये। कार्यक्रम के संयोजन मे डाॅ0 मनोज कुमार शर्मा, जोइन्ट औरगेनाइजिंग सेक्रेट्री का योगदान रहा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।


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