दिल्ली : 20 जून को स्थानीय यमुना प्रसाद शास्त्री नेत्रहीन एवं विकलांग महाविद्यालय तोपखाना बिछिया रीवा में रीवा जिले के पूर्व सांसद एवं गोवा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.यमुना प्रसाद शास्त्री जी की 23वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
वैश्विक महामारी कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम को बहुत ही सूक्ष्म रखा गया,साथ ही शासन के दिशा निर्देशों (मास्क एवं सोशल डिस्टेंडिंग)का विशेष ध्यान रखा गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्व.शास्त्री जी की समाधि पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसके बाद भारत-चीन सीमा के गलवान घाटी में शहीद हुए वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि दी गई,साथ ही विंध्य की पावन धरा के मनगवां क्षेत्र के फरेंदा निवासी अमर शहीद दीपक सिंह गहरवार को भी श्रद्धांजलि दी गई।
जिसके पश्चात शास्त्री जी के प्रति आस्था रखने वालों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
सर्वप्रथम शास्त्री जी को याद करते हुए राष्ट्र सेवा दल के नेता एवं शास्त्री जी के अतिघनिष्ट रहे बृहस्पति सिंह ने कहा कि हम किसी के मरणोपरांत उसकी पुण्यतिथि तभी मनाते हैं जब उसने अपने जीवन काल में कुछ ऐसा कार्य किया हो कि उसे उनके न रहने के बाद भी याद किया जाय,पर शास्त्री जी ने सम्पूर्ण जीवन में हर कार्य ऐसा किया जिसे देश ही नहीं विदेशों में भी लोग शास्त्री जी को याद करते हैं।
उपस्थित लोगों ने शास्त्री जी के अधूरे सपनो एवं कार्यो को याद किया,शास्त्री जी ने विंध्य को पंजाब बनाने का सपना देखा था,जिसके लिए उन्होंने यहां बाणसागर की आधारशिला रखी,जिसके फलस्वरूप आज धीरे धीरे बाणसागर का पानी विंध्य के कोने-कोने को सिंचित कर रहा है जो शेष है वह भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
साथ ही शास्त्री जी ने रीवा को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए रीवा से सतना रेल लाइन की स्थापना करवाई,जिसके उपरांत उसका विस्तार करते हुए रीवा को जबलपुर-भोपाल-दिल्ली से जोड़ना एवं मुख्य रूप से रीवा को जंक्सन के रूप में स्थापित करने के लिए रीवा ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन वाया खजुराहो को विकसित करना मुख्य उद्देश्य था,जो अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है।
साथ ही शास्त्री जी के द्वारा संसद में देश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना चाहे वह शासकीय अथवा अशासकीय क्षेत्र में हो,या फिर युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था करवाने की मांग करना,जो कार्य अभी भी अधूरा ही है।इस तरह से अनेकों कार्यो सपनो एवं शास्त्री जी से जुड़ी बातों पर चर्चा करते हुए उन्हें याद किया गया।कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ अजय सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में सिरमौर जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि संजय द्विवेदी कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हीरालाल पटेल जी सहिजना ने की।कार्यक्रम में मुख्य रूप से बृहस्पति सिंह,भैयालाल त्रिपाठी, देवेन्द्र पाण्डेय बेधड़क,डॉ रामविलास सोहगौरा,देवेन्द्र शास्त्री,डॉ हरिप्रकाश शर्मा,डॉ राकेश गौतम,रामकिंकर पाण्डेय, ओमप्रकाश द्विवेदी,बालकृष्ण त्रिपाठी,नरेन्द्र शर्मा,मनीष द्विवेदी, संतोष गौतम,शीलेन्द्र पाठक,पुष्पेन्द्र पाण्डेय,अजय तिवारी मौहरा,आशीष समदरिया,विद्यालय के प्राचार्य आर के त्रिपाठी,अशोक त्रिवेदी,डी पी मिश्रा,राम उदय तिवारी, शंकर मिश्रा,नीतीश सिंह तिवारी,सर्वेश सूर्यकांत द्विवेदी,शशिकांत द्विवेदी,आर के विश्वकर्मा,अजय पाण्डेय,कबीर शास्त्री,अधीश द्विवेदी,अर्चना द्विवेदी,डॉ भावना पाण्डेय समदरिया,अनन्त शयनम शास्त्री,विजय मंगलम शास्त्री,जितेंद्र रजक,रामायण प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे। विद्यालय के प्राचार्य आर के त्रिपाठी के द्वारा आभार व्यक्त किया गया, कार्यक्रम का सफल संचालन अनन्त शयनम के द्वारा किया गया।कार्यक्रम के अंत मे दो मिनट का मौन रखकर गलवान घाटी में शहीद हुए वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी गई।
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