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95 साल की अम्मा ने दी कोरोना को मात पूर्व एडीएम बोले- सरकारी अस्पतालों में है बदइंतजामी 

गाजियाबाद। जो लोग कोरोना से भयभीत हैं वे वसुंधरा निवासी 95 साल की अम्मा से सीख लें कि कैसे उन्होंने कोरोना को मात दी है। कोरोना होने पर यदि तुरंत सावधानी बरते और उपचार कराएं तो कुछ ही दिन में आप ठीक हो सकते हैं।


जिले में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रहे उषा रमण त्रिपाठी की 95 वर्षीया माता जी समेत परिवार के सभी छह सदस्यों को कोरोना (कोविड 19) हो गया था। परिवार के दो सदस्यों को खांसी आदि होने पर जब जांच कराई गई तो वे पॉजिटिव निकले। फिर अन्य परिजनों की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई। श्री त्रिपाठी अपने परिवार के सभी सदस्यों समेत तुरंत उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में सभी सदस्यों का उपचार किया गया। एक सप्ताह बाद परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ होकर घर वापस आ गए हैं। अब सभी की रिपोर्ट निगेटिव हैं। 95 साल की अम्मा समेत सभी ने पूरी सावधानी बरती और अपने दृढ़ हौसले से कोरोना को पराजित कर स्वास्थ लाभ उठाया।


 पूर्व एडीएम का कहना है प्रदेश के सरकारी कोविड अस्पतालों की हालत ठीक नहीं है। बदइंतजामी और गंदगी बहुत है। निचला स्टॉफ कार्यकर रहा है, मगर चिकित्सक लापरवाही बरत रहे हैं। वे स्वयं संजयनगर सरकारी अस्पताल गए , मगर वहां की कुव्यवस्था देखकर उन्हें निजी अस्पताल में जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोविड से होने वाली मौतों को रोकने के लिए शासन को सरकारी अस्पतालों में इलाज का इंतजाम सही करना होगा और चिकित्सकों को भी लापरवाही छोड़नी होगी। सरकारी डॉक्टरों को संकट की इस घड़ी में मानवता का दायित्व और संजीदगी से निभाना चाहिए।


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