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डॉ अम्बेदकर का मुंबई स्थित राजगृह, साधारण घर नहीं, करोड़ों शोषितों, पीड़ितों भारतवासियों की आस्था तथा प्रेरणा का प्रतीक है:- राम दुलार यादव

डा0 अम्बेदकर का मुम्बई स्थित “राजगृह” साधारण घर नहीं, करोड़ों अनुयायियों की आस्था, प्रेरणा का प्रतीक है:- राम दुलार यादव


 


साहिबाबाद :  लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक / अध्यक्ष समाजवादी विचारक, राम दुलार यादव ने, महान कानूनविद संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेदकर के दादर, मुम्बई स्थित आवास ‘राजगृह’ में असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ करने की घोर निन्दा की है,


तथा केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द विकृत मानसिकता के अपराधियों, समाज, देश विरोधियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध शक्त से शक्त कार्यवाही की जाय|


  राम दुलार यादव ने कहा कि बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेदकर न केवल दलितों, पिछड़ों व कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए जीवन पर्यन्त लड़ते रहे बल्कि संविधान में गरिमामय जीवन जीने के लिए व्यवस्था भी मानव जाति के लिए किया| बाबा साहेब ने आधी आबादी चाहे वह किसी भी जाति धर्म की महिला हो उसे सम्मानजनक ढंग से जीने की संविधान में व्यवस्था की| उसे पैतृक संपत्ति में हिस्सा दिलाया| उस महापुरुष के घर में असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ करना, निंदनीय ही नहीं जघन्य अपराध भी है|


राजगृह केवल साधारण घर नहीं करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्थल है, भारत के शोषित, पीड़ित, वंचित लोगों की आस्था का प्रतीक है, उस राजगृह से करोड़ों लोगों का भावनात्मक लगाव है, मुम्बई में ही नहीं पूरे देश में कही न कहीं बाबा साहेब अम्बेदकर के विचार व उनके द्वारा निर्मित संविधान को कमजोर करने का षड्यंत्र चल रहा है, तथा उनकी मूर्तियों को खंडित करने, कालिख पोतने तथा उनके अनुयायियों के साथ असम्मानीय, अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, वे प्रताड़ना के शिकार हैं, लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं है| आज इक्कीसवीं शदी में भी हमारा देश जाति, धर्म के जहर से उबर नहीं पाया है| हमारी सोच में बदलाव नहीं आ पा रहा है, हम सर्वश्रेष्ठ बने हुए हैं, इस मानसिकता को बदलना होगा| लोकतंत्र की रक्षा के लिए भारतीय संविधान की रक्षा करना सर्वप्रथम कार्य है| हमारी सरकार से यह भी मांग है कि कट्टर पंथियों व सामंती विचार के लोगो को शिक्षित करे कि विरोधी विचार वालों के साथ सहिष्णुता व आदर का भाव रखे, तभी देश में लोकतन्त्र पुष्पित व पल्लवित होगा|


                                                                           


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