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जिला प्रशान के फूले हाथ-पांव, कोरोना के दस फीसदी मरीज गायब

गाजियाबाद जिले में अधिकांश ऐसे लोग हैं जो कोरोना जांच के लिए हुई सैंपलिंग के दौरान अपना पता और मोबाइल नंबर गलत देकर चले गए हैं। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग ने उनसे संपर्क किया तो गलत सूचना की जानकारी प्राप्त हुई।


जिले में पिछले साढ़े चार माह में करीब 14 हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है, जिसमें 3850 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दरअसल कोरोना सैंपल के बाद मरीजों को पहले क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती किया जाता था। इसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाता था, लेकिन कुछ मरीजों ने निजी लैब से जांच कराई थी तो कुछ जांच कराकर क्वारंटाइन सेंटर में न रहकर अपने घर चले गए थे। वहीं पिछले दो माह से मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए क्वारंटाइन सेंटर में भी कोविड केयर अस्पताल की व्यवस्था की गई है। इसमें मरीजों का कोरोना सैंपल लेने के बाद होम क्वारंटाइन किया जा रहा है।


कुछ मरीजों ने सैंपल के दौरान ही अपने विवरण में घर का पता या मोबाइल नंबर ही गलत लिखवा दिया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों के दिए गए पते और मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर पता चलता है कि विवरण गलत है। ऐसे मरीजों को खोजने में भी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग और सर्विलांस की टीम ऐसे मरीजों को खोजनें में जुटी हुई है। कुछ मरीज ऐसे मिले हैं, जिन्होंने जांच गाजियाबाद में कराई थी और इसके बाद वह अन्य जिले व प्रदेश में चले गए। ऐसे लोगों ने अन्य प्रदेशों में अपना स्थायी पता गाजियाबाद लिखवा दिया, जिस कारण पोर्टल पर डेटा जिले के नाम पर दिखाया जा रहा है। बताया गया है कि कुछ लोगों ने अपने पड़ोसियों का पता लिखवा दिया। जब एम्बुलेंस मरीज को लेने घर पहुंची तो पॉजिटिव मरीज घर से लापता हो गया और नाम, पते व मोबाइल नंबर के आधार पर एम्बुलेंस टीम पड़ोसी को ले आई। ऐसे में पड़ोसी की जांच के बाद उसको वापस भेज दिया गया।


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