गाजियाबाद : राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में तय किया गया कि 5 अगस्त को भूमि पूजन होगा | माननीय प्रधानमंत्री जी 5 अगस्त को मंदिर की आधारशिला रखेंगे | प्रधानमंत्री जी 5 अगस्त को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक अयोध्या में रहेंगे भूमि पूजन से जुड़े कार्यक्रम सुबह 8:00 बजे शुरू होगा | भूमि पूजन काशी के पुजारी कराएंगे उसके बाद प्रधानमंत्री जी मंदिर की आधारशिला रखेंगे अयोध्या राम मंदिर 161 फीट ऊंचा राम मंदिर बनाया जाएगा | 5 अगस्त को सदियों की आकांक्षा पूरी होने वाली है इसलिए देश और विदेश के करोड़ों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक मौके के गवाह बनना चाहते हैं | राम मंदिर आंदोलन से 16 करोड लोग हिस्सा ले चुके हैं ऐसा विश्व हिंदू परिषद ने बताया ऐसे में भूमि पूजन का कार्यक्रम सदियों से संजोए एक सपने को पूरा होना है दुनिया में सबसे ऊंचे मंदिर में बिराजेंगे भगवान राम |
माना जाता है इसी मुहूर्त मैं भगवान राम का जन्म हुआ था अभी देखना है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में कौन-कौन लोग आ पाएंगे कोरोना बीमारी के चलते ज्यादा लोगों को निमंत्रण शायद ना दिया जाए भूमि पूजन के कार्यक्रम में कौन-कौन लोग आ पाएंगे इसकी लिस्ट तैयार की जा रही है | वैसे हर कोई आदमी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होकर गवाह बनने की सोचता है वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन को लेकर चल रही तैयारियों पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर तंज कसा कोरोना से हालात रोज बदतर होते जा रहे हैं और कुछ लोगों को लगता है मंदिर बनाने से कोरोना खत्म हो जाएगा |
सरकार का ध्यान लॉक डाउन के कारण आर्थिक नुकसान पर होना चाहिए ना की मंदिर बनाने में जिस तरह राम मंदिर को लेकर लगाए जाने वाले नारों की गूंज अब शायद सुनाई ना पड़े | कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे रामलला आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो इसी तरह के उत्तेजना से पूर्ण नारे लगाए जाते रहे | राम मंदिर का मुद्दा भी बहुत सालों तक राजनीति का केंद्र बना रहा एक बार नहीं कई बार इसी मुद्दे पर ही देश का चुनाव लड़ा गया | सन 1985 में संसद में 2 सदस्यों की पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे के सहारे केंद्र में सरकार बनाने का काम किया उसे पूर्व देश में राम मंदिर को लेकर एक राम रथ यात्रा जो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में शुरू हुई | उस पर भी राजनीति की छाप लगी यात्रा जब बिहार पहुंची तो वहां के उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उस रथ यात्रा को रोक दिया | सन 1989-90 मैं देश के प्रधानमंत्री बीपी सिंह की सरकार चल रही थी और वीपी सिंह की सरकार को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन था प्रधानमंत्री वीपी सिंह के प्रधानमंत्री काल में जब मंडल का मुद्दा उछाला गया सरकार ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का कदम उठाते ही पूरे देश में आत्मदाह का दौर भी शुरू हो गया | लोग जलने लगे मगर नेता खुश थे जितनी भी खबरें नौजवानों के आत्मदाह की आने लगी कुछ लोगों की गंदी सोच भी सामने आने लगी वोट बैंक बढ़ता नजर आ रहा था | मगर उस समय देखा गया कि कुछ लोग समर्थन में आत्मदाह कर रहे थे तो बहुत से लोग विरोध में भी आत्मदाह करने लगे किसी को अपना जनाधार बढ़ता नजर आ रहा था और किसी को अपना जनाधार खिसक ता नजर आ रहा था | तब भारतीय जनता पार्टी ने मंडल को टक्कर देने के लिए कमंडल का सहारा लेना शुरू किया और राम मंदिर के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शुरू हुई | एक धार्मिक यात्रा का आयोजन कर एक रथ यात्रा का आयोजन किया गया जहां-जहां यात्रा पहुंची वहां उत्तेजना से भरे नारों की आवाजें आने लगी कसम राम की खाते हैं | मंदिर वहीं बनाएंगे रामलला आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे रथयात्रा मैं लगने वाले नारों से बहुत से शहरों में सांप्रदायिक दंगे भी भड़के मगर रथयात्रा आयोजन करने वाली पार्टी अपने बढ़ते राजनीतिक जनाधार से खुश थी अपना वोट बैंक बढ़ता महसूस हो रहा था | पूर्व में भी लिखा कुछ राजनीतिक दल राम मंदिर की राजनीति कर रहे थे तो कुछ मंडल की राजनीति कर रहे थे जबकि राम मंदिर का मुद्दा भले ही राजनीति से शुरू हुआ | अगर यह मुद्दा नहीं आस्था से जुड़ा था देश में पहले भी कई बार देखा कि राजनीतिक दल दंगों में नफा नुकसान देखकर ही राजनीति करते हैं इसका विरोध करना चाहिए या समर्थन जिस तरफ ज्यादा फायदा नजर आता है उसी तरह बयान आने लगते हैं | पिछले कुछ सालों से देश में जो राजनीति की दौड़ है वह मुद्दों को लेकर ही चलती है जिन मुद्दों पर लाभ नजर आता है उसी को उठाया जाता है | भारतीय जनता पार्टी की रथयात्रा निकाल लाभ देख रही थी और जनता दल उस यात्रा को रोक हीरो बनना चाह रही थी राम मंदिर के पक्ष और विपक्ष में दो धारा देश में चली जिसको जिधर लाभ दिखाई दिया उस तरफ खड़ा नजर आया | आखिर बिहार मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रथ यात्रा को रोक दिया और अपने आप को एक हीरो से कम नहीं समझा दूसरी तरफ बिहार के निकट उत्तर प्रदेश यहां राम जन्मभूमि अयोध्या है क्योंकि अयोध्या राम जन्म भूमि उत्तर प्रदेश में पड़ती हैं | उस वक्त के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का कथन था सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है उसका फैसला आने का इंतजार करना चाहिए कानून को जो अपने हाथ में लेगा उसको गिरफ्तार किया जाएगा | राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद का विवादित मुद्दा बन गया था उस वक्त लाखों की संख्या में रामसेवक अयोध्या में इकट्ठा हो गए मुख्यमंत्री ढांचे की हिफाजत करना हमारा धर्म है | इस तरह राजनीतिक पक्ष और विपक्ष में खड़े नजर आते रहे भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष में रहते जिन भी मुद्दों को उठाया था केंद्र में दोबारा नरेंद्र मोदी जी की सरकार आने पर सभी को पूरा करने का काम किया उसी में एक मुद्दा राम जन्म भूमि राम मंदिर का था | दरअसल राम मंदिर मुद्दा सिर्फ एक मुद्दा नहीं एक आस्था का विषय और करोड़ों लोगों की आस्था उससे जुड़ी है इसका विवादित के सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दोनों पक्षों की रजामंदी से इस मुद्दे को समाप्त करते हुए अयोध्या जहां भगवान राम का जन्म हुआ उस जगह को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी और वहां राम मंदिर निर्माण की इजाजत दे दी | और वहां से दूर मस्जिद के लिए भी एक जमीन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में लिखा गया जिसको उत्तर प्रदेश सरकार ने देना है ऐसा नहीं कि भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को बनाया इससे पहले कांग्रेस की सरकार के चलते प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी रामलला के दरवाजे खुलवाए थे | उनके बाद अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार आई मगर उस समय एक संयुक्त सरकार थी वह इसलिए इस मुद्दे को ज्यादा छेड़ा नहीं गया | सन 2014 में नरेंद्र मोदी जी की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो दोबारा इस मुद्दे पर काम शुरू हुआ और सन 2019 दोबारा सरकार आने पर इन मुद्दों पर काम तेजी से चलने लगा और उसका रिजल्ट आपके सामने हैं | 5 अगस्त को इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखी जाएगी ऐसा अभी तक अखबार और टीवी के माध्यम से पता चल रहा है 5 अगस्त के बाद शायद इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष में लगाए जाने वाले नारों से मुक्ति मिल जाएगी | 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री जी इस तारीख पर राम मंदिर भूमि पूजन के साथ आधारशिला रखी जाएगी पहले भी लिखा कि अगर राम मंदिर हिंदुस्तान में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा राम मंदिर का मुद्दा आस्था से जुड़ा है | इसलिए मुसलमान भाइयों ने भी इस फैसले को मंजूर कर लिया और आगे इस मुद्दे को ना बढ़ाने की बात कही यह हमारे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का एक फैसला सभी ने मंजूर किया | मैं सभी को धन्यवाद देता हूं राम मंदिर का मुद्दा आस्था से जुड़ा है और आस्था से कोई ना जीता है ना कभी जीत पाएगा | 5 अगस्त 2020 की तारीख इतिहास बनने जा रही है रहती दुनिया तक इस तारीख और आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नाम इतिहास में दर्ज होगा | सरदार मंजीत सिंह
आध्यात्मिक एवं सामाजिक विचारक
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