दिल्ली : कोरोना वायरस के इस विश्वव्यापी संक्रमण काल में भी बेसिक शिक्षा अपने प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में निरंतर गतिशील है। यही कारण है 14 मार्च 2020 से विद्यालयों को बंद किए जाने के आदेश के बावजूद सरकार ने हार नहीं मानी है। 1 अप्रैल 2020 से नए शैक्षिक सत्र के प्रारंभ से ही शिक्षा व्यवस्था को ऑनलाइन पैटर्न पर लाने के लिए कमर कस लिया गया है । सभी बच्चों तक उनकी कक्षा का शैक्षिक कंटेंट किस प्रकार पहुंचे ? यह किसी चुनौती से कम नहीं है। परंतु सरकार ने आधुनिक संचार माध्यमों तथा आधुनिक एपों का प्रयोग कर अपनी पहुंच बनाने का सफल प्रयास किया है। भारत सरकार का दीक्षा ऐप, वन नेशन वन प्लेटफार्म के रूप में संपूर्ण भारतवर्ष के सभी विद्यार्थियों को उनकी कक्षाओं और विषय के अनुसार बेहतरीन वीडियो कंटेंट उपलब्ध कराने का एक सशक्त प्लेटफार्म उभर कर सामने आया है। प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों को निर्देशित करते हुए सभी अभिभावकों से संपर्क कर उनमें दीक्षा ऐप डाउनलोड कराने और उनको व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ने को कहा गया है। आधुनिक संचार संसाधन आधारित व्यवस्था के साथ साथ टेलीविजन और रेडियो चैनल पर शैक्षिक कंटेंट प्रसारित कर कनेक्ट किया गया है।
परिणाम स्वरूप आज बेसिक शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं को विभाग द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में प्रत्येक कक्षा के लिए विषयवार बहुत ही रोचक शैक्षिक सामग्री प्रेषित किया जाता है, जो बच्चों को उनके घरों में उनके अभिभावकों के मोबाइल पर उपलब्ध हो जाता है। जिसको वह देखकर सुनकर अपने सम्बंधित विषय का विषयगत जानकारी एवं कौशल प्राप्त करते हैं । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षक बच्चों में कहानी, कविता ,चित्र कला, उड़ान आदि प्रतियोगिताओं को कराने का प्रयास करते हुए बच्चों को अधिक सक्रिय और ऊर्जित बनाये रखने का कार्य कर रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षक दूर रहकर भी ऑनलाइन शिक्षण विधा से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया पर बल देते हुए बाद में मूल्यांकन भी कर लेते हैं । ऐसे अभिभावक जो संसाधन विहीन हैं, जिनके पास केवल टेलीविजन और रेडियो हैं उनके लिए भी विभाग द्वारा विशेष प्रसारण कार्यक्रमों द्वारा शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। 12 कम्युनिटी रेडियो चैनल से सुबह के 6:45 बजे से शाम के 7 बजे के मध्य 30 मिनट से लेकर के 1 घंटे तक के विविध शैक्षिक कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। इस प्रकार बेसिक शिक्षा विभाग निरंतर अपने बच्चों से संपर्क स्थापित किए हुए हैं। नित् नए कक्षागत एवं विषयवार शैक्षिक कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर रुचि ले रहे हैं तथा ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। इसमें प्रेरणा एप का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। प्रेरणा एप की ई-पाठशाला के माध्यम से प्रत्येक कक्षा के विषय का एक लिंक उपलब्ध कराया जाता है, जिसके माध्यम से लिंक को टच करते ही उससे संबंधित शैक्षिक कंटेंट खुलकर यूट्यूब के माध्यम से बच्चों के सामने वीडियो पैटर्न में प्रसारित होने लगता है। यह कंटेंट रोचक और आकर्षक होने के कारण बच्चे स्वयं शिक्षा प्राप्त करने में लग जाते हैं। इस प्रकार इस महामारी के दौर में भी बेसिक शिक्षा विभाग अपने बच्चों के निरंतर संपर्क में रहते हुए उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति सक्रिय और जवाबदेह बनी हुई है। कोविड-19 के इस संक्रमण काल में न केवल शिक्षण के तौर-तरीकों में ही बदलाव आया है बल्कि प्रशासनिक कार्य संस्कृति में भी आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के स्थान पर ब्लॉक स्तर से लेकर के जिला स्तर तक अधिकारी वर्तमान में गूगल मीट तथा जूम ऐप के माध्यम से विभागीय मीटिंग करने लगे हैं। अब तो शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की विभागीय बैठक भी खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा बीआरसी केंद्रों पर न बुलाकर गूगल ऐप के माध्यम से आयोजित किया जाने लगा है। इसमें समय की काफी बचत हो रही है। साथ ही आने जाने की परेशानी से भी लोगों को निजात मिली है। वहीं मानव संपदा पोर्टल के द्वारा विभाग इन दिनों शिक्षकों की व्यक्तिगत तथा सेवा संबंधी डाटा को शुद्धिकरण कर ऑनलाइन करने में लगा हुआ है। इससे विभाग न केवल अपने अभिकर्मिकों की स्थिति पर नजर रखता है, वहीं दूसरी ओर पोर्टल के माध्यम से कई तरह की सुविधाएं जैसे आकस्मिक अवकाश, प्रसूता अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, मेडिकल लीव आदि को ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाने से एक पारदर्शितापूर्ण व्यवस्था का सृजन भी हुआ है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में बच्चों की गुणवत्ता का आकलन हेतु वर्ष में दो परीक्षा लर्निंग आउटकम की संपादित की जा रही है तथा परीक्षा से लेकर के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन और उसके प्राप्तांक को साइट पर फीड किया जाता है। बच्चों की गुणवत्ता की स्थिति को एक डैशबोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। इस प्रकार हम पाते हैं कि बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षण प्रक्रिया, मूल्यांकन प्रक्रिया, प्रशासनिक कार्य संस्कृति सभी ऑनलाइन होती जा रही है। अभिकर्मियों को दी जाने वाली सुविधाएं अवकाश इत्यादि निरंतर ऑनलाइन की जा रही हैं जो एक बेहतर बदलाव का संकेत है। हम सबको आशान्वित होना चाहिए कि आने वाले समय में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रति समाज की धारणा और अधिक मजबूत व विश्वसनीय होगी।
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