कौशाम्बी: मंझनपुर तहसील क्षेत्र के दो गांव में मदरसा और अस्पताल के नाम पर इलाहाबाद के एक चिकित्सक ने करोड़ों की सरकारी भूमि पर अपना कब्जा जमा लिया था राजस्व अभिलेखों में गलत तरीके से उक्त चिकित्सक ने अपनी संस्था का नाम दर्ज करा कर सरकारी भूमि को करोड़ों में बेच लिया है, जिसकी पूर्व में शुरू हुई जांच अचानक रुक गयी है। चिकित्सक का यह कारनामा कुछ दिनों तक तो राजस्व अधिकारियों के संज्ञान में रहा लेकिन व्यवस्था के चलते पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण हो गया और सरकारी भूमि के अभिलेखों में हेराफेरी कर उसे अस्पताल और मदरसे के नाम पर दर्ज कराने के बाद उस भूमि को बेच लिए जाने के मामले में शासन - प्रशासन ने जांच कराई तो इलाहाबाद के उक्त चिकित्सक का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा।
गौरतलब है कि मंझनपुर तहसील के दो अलग - अलग गांव में एक ही संस्था के नाम लगभग 32 बीघे सरकार जमीन यह कह कर अधिकारियों से संस्था के पट्टा करा लिया कि संस्था मदरसा और अस्पताल खोल कर जनसेवा करेगी लेकिन जमीन मिलने के बाद अस्पताल बन्द हो गया। अस्पताल और मदरसा चलाने के नाम पर पट्टे पर ली गयी भूमि को अभिलेखों में नाम दर्ज होते ही बेच कर करोड़ो की रकम संस्था के जिम्मेदार डकार गए।
लेकिन क्या इलाहाबाद के उक्त चिकित्सक का कौशाम्बी की सरकारी जमीन में करोड़ों के इस घोटाले की पत्रावली को संज्ञान लेकर आला अधिकारी चिकित्सक की कलई खोलेंगे यह बड़ा सवाल है। बड़बोलेपन का शिकार यह चिकित्सक केंद्र और प्रदेश सरकार तक अपनी ऊंची पहुंच का ढिंढोरा पीटकर आला अधिकारियों पर रौब गाँठने का प्रयास करता है, जिसके चलते चिकित्सक के सरकारी जमीन के हेराफेरी के कारनामे पर ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है।
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