दिल्ली : साल था 2016 टीना डाबी नाम की लड़की ने आईएएस टॉप किया था। उन्होंने यूपीएससी के अंतिम नतीजों में पहली रैंक हासिल की थी। इसी परीक्षा में एक कश्मीरी अतहर अली खान ने दूसरी रैंक हासिल की थी। ट्रेनिंग के दौरान दोनों को एक दूसरे से प्यार हुआ और 2018 में शादी कर ली। टीना डाबी अब अपने सरनेम में "खान" लगाने लगी । स्वंय को "कश्मीरी बहु" बताने लगी ।लेकिन दो साल में ही मोहब्बत का सारा नशा काफूर हो गया।
सही पढ़ा आपने मात्र 2 वर्षों में ही ही "टीना जी" को इस्लाम की खूबसूरती(?) पता चल गई ! टीना डाबी का तथाकथित पढ़ा लिखा, आईएएस पति अख्तर इन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित करता था । जमकर मारता था ।इन्हें बुर्का पहनने पर मजबूर करता था । और भी बहुत कुछ था जो बताया नहीं गया।
खैर! महज 2 साल में टीना जी अपने पति से अलग हो गई । मार्च 2020 में इन्होंने अलग होने की घोषणा की और अपने नाम में से खान भी हटा लिया । उसी दिन पहला ट्वीट या यूं कहें अधिकारिक बयान इन्होंने यही दिया "सब सुख लहे तुम्हारी सरना , तुम रक्षक काहू को डरना" । फिर लिखा "जय श्री राम ।" यानी हनुमान चालीसा और जय श्री राम के माध्यम से इन्होंने बता दिया कि मुस्लिम से शादी करना इनकी भूल थी । आईएएस (IAS) होने के बावजूद वो पहले मुसलमान था ।महिलाओं के प्रति वो क्रूर था । पत्नी को अपने पैरों की जूती समझता था। यही बात सभी को समझनी होगी।
अब कल इन्ही टीना डाबी ने राजस्थान के श्रीगंगानगर में जिला परिषद चेयरमैन का कार्यभार संभाला । कल यह पूरे वैदिक रीति-रिवाजों और पूजा पाठ के साथ दफ्तर में प्रवेश हुई और मंत्रोच्चार के बाद हस्ताक्षर किए। यही वैदिक और सनातन धर्म की जीत है।
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