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विज्ञप्ति से झूठी साबित हुई काम्बिंग कर पकड़ने की कहानी, पुलिस की कहानी पर उठने लगे सवाल

साहब-आपका बयान सही या विभाग की विज्ञप्ति


 


 


अम्बेडकर नगर। इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र की उतरेथू बाजार में गत 26 जून को दिन दहाड़े हुई पूर्व प्रधान धर्मेन्द्र वर्मा की हत्या व उसके प्रतिरोध स्वरूप ग्रामीणों की पिटाई में दो बदमाशों की हुई मौत के प्रकरण में जिले की पुलिस खुद ही भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रही है।घटना के दिन पुलिस अधीक्षक द्वारा दिया गया बयान तथा 30 जून की रात मुठभेड़ के दौरान रन्नू उर्फ रनबहादुर सिंह को गोली मारे जाने के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति अलग -अलग कहानी बयां कर रही है। घटना के दिन 26 जुन को पुलिस अधीक्षक ने अपने विभागीय बयान में कहा था कि बदमाशों की संख्या तीन थी जिसमें से एक को स्थानीय लोगों ने मार डाला था तथा दूसरा घायल अवस्था में भागा था जिसे लगभग दो घंटे बाद पुलिस ने कामि्ंबग कर ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ लिया था जिसकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी जबकि तीसरे बदमाश को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अब तीस जून की रात पुलिस द्वारा जारी की विज्ञप्ति पर नजर डालें। इस विज्ञप्ति में पुलिस ने ही स्वीकार किया है कि 26 जून को हुई घटना के दौरान स्थानीय लोगों ने ही दो बदमाशों को पीट-पीट कर मार डाला था जिनकी पहचान रितेश उर्फ डीएम एवं मो0 मोहसिन के रूप में की गई थी तथा घायल अविनाश सिंह का ट्रामा सेन्टर में इलाज चल रहा है। पुलिस ने अब रन बहादुर सिंह को भी घटना का चौथा अभियुक्त बता दिया है। प्रश्न यह उठता है कि घटना के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा दिया गया बयान सही है अथवा 30 जून को पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति सही है। निश्चित रूप से इसमें एक तो गलत है, ऐसे में पुलिस आखिर क्या साबित करना चाहती है। घटना के दौरान व घटना के उपरान्त पुलिस द्वारा गढ़ी गई यह कहानी किसी के भी गले नही उतर रही है।


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