दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने निवर्तमान चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को गर्मजोशी से विदाई दी। लवासा फिलीपींस की राजधानी मनीला में एशियाई विकास बैंक के उपाध्यक्ष के रूप में प्रतिष्ठित कार्यभार संभालेंगे। अशोक लवासा ने 23 जनवरी 2018 को निर्वाचन आयुक्त का कार्यभार संभाला था और 31 अगस्त 2020 तक वह इस पद पर बने रहेंगे।
उन्हें विदाई देते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बड़ी चुनौतियों का सामना करने तथा अधिक उपलब्धियां हासिल करने के लिए श्री अशोक लवासा को शुभकामनाएं दी। उन्होंने उल्लेख किया कि निर्वाचन आयोग का नुकसान एडीबी का लाभ है जहाँ लवासा की योग्यता कोविड के बाद के परिदृश्य में अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्गठन के चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए बड़े बहुपक्षीय मंच पर उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर अपने भाषण में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने इससे पूर्व वित्त मंत्रालय में अशोक लवासा के काम की सराहना की। उन्होंने कोविड के समय में होने वाले चुनावों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने में उनके मार्गदर्शन के लिए लवासा की विशेष रूप से सराहना की।
अशोक लवासा ने कहा कि वह एक यादगार अनुभव के रूप में आयोग में अपने ढाई साल के कार्यकाल को याद करेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके लिए यह चुनना काफी कठिन विकल्प था कि वे निर्वाचन आयोग में बने रहें या एडीबी के वैश्विक फलक की तरफ आगे बढ़ें।
आयोग ने निर्वाचन आयोग में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अपने कैडर में वापस आने वाले चुनाव व्यय निदेशक विक्रम बत्रा को भी विदाई दी।
माननीय उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा जनवरी 2017 से मई 2019 तक दिए गए फैसलों, यानी 2019 के लोक सभा चुनावों की समाप्ति तक का एक सार-संग्रह, लैंडमार्क जजमेंट्स का छठा संस्करण भी आज जारी किया गया। आयोग ने व्यापक पहुंच के लिए इसका ई-संस्करण भी https://eci.gov.in/ebooks/landmark-judgment/index.html जारी किया। इसमें निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं जैसे नामांकन, शपथ पत्र, ईवीएम वीवीपेट, आदर्श आचार संहिता, भ्रष्ट आचरण और अन्य संबंधित मामलों के साथ 29 महत्वपूर्ण निर्णयों को शामिल किया गया है। इस संस्करण में लैंडमार्क जजमेंट्स के पिछले पांच संस्करणों में निर्वाचन आयोग द्वारा पहले भी प्रकाशित निर्णयों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस संस्करण में आम चुनाव 2019 के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालयों में दायर 632 मामलों को भी सूचीबद्ध करता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने अपने संदेश में कहा, "मैं इस आशापूर्ण उम्मीद को स्थान देता हूं कि यह प्रकाशन हमें चुनाव कानून के क्षेत्र के बारे में बताएगा और इस आश्वासन के साथ इस विशाल कार्य को करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रोत्साहित करेगा कि वास्तव में उनके कार्यों ने लगातार न्याय पालिका का समर्थन हासिल किया है।”
निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने अपने संदेश में कहा, "यह संस्करण हमारे देश के विशाल चुनाव संबंधी प्रयोगों को नियंत्रित करने वाले कानूनों की समझ को व्यापक बनाएगा।"
निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अपनी टिप्पणी में उम्मीद जताई कि इस संस्करण से देश के सभी नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।
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