सरगांव:- सरगांव को ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा मिले 12 साल हो गये पर बारह सालों में नागरिकों को नगर पंचायत ने न तो अपने अधिकार नियम बताये है, न ही किसी प्रकार की नगर विकास को ध्यान मे रखकर गाईड लाईन ही प्रदर्शित की है। जिसका परिणाम है, कि जिसे जहां जगह मिल रही है, वहीं मनमाने ढंग से दुकानों का निर्माण हो रहा है। इस ओर नगर पंचायत का ध्यान बिल्कुल नहीं है। ताजा उदाहरण पशु चिकित्सालय की बाउंड्री वाल के सामने कुछ लोगों ने अस्थायी ठेले लगाकर व्यापार करना शुरू किया कुछ समय बाद लोगों ने स्थाई बड़ी-बड़ी दुकाने बना ली है। जिसका ना तो पशु चिकित्सा विभाग ने ना ही नगर पंचायत ने कोई एक्शन लिया। यही हाॅल पथरिया मोड का है। यहां लोगों द्वारा सडक के दोनों ओर बड़े पैमाने पर बेजा कब्जा किया जा रहा है। जिसका परिणाम है, की शासकीय जमीनों पर सडक़ किनारे बेजा कब्जा करने वालों के हौसले बुलंद है। यही हाल चार चक्का ठेला लगाने वालो का भी जहां तहां खाने पीने के सामानों के ठेले लगाकर गंदगी फैला रहे है। इन ठेले वालों को नगर पंचायत द्वारा स्थान निश्चित करने की आवश्यकता है। नगर पंचायत द्वारा समय रहते इस ओर ध्यान देने की जरुरत है।
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