नई दिल्ली: कोविड-19 से संघर्ष कर रहे आम आदमी को उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन भी बिजली का झटका देने की तैयारी कर रहा है। विद्युत नियामक आयोग को गुप्त रूप से भेजे गए एक प्रस्ताव में बिजली निगम ने बिजली दरों के स्लैब को बदलने के लिए कहा है। प्रस्ताव के अनुसार, वर्तमान 80 के स्लैब को घटाकर 53 करने का सुझाव दिया गया है।
इसमें शहरी घरेलू के लिए 3 स्लैब और बीपीएल को छोड़कर वाणिज्यिक, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 2 स्लैब बनाने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, हैवी उद्योग के स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। बिजली की दरों के स्लैब में बदलाव से शहरी उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा। इससे बिजली का बिल 3 से 4 प्रतिशत बढ़ सकता है। अब गेंद नियामक आयोग के पाले में है, जो स्लैब में बदलाव पर फैसला करेगी।
समान स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मौजूदा प्रस्ताव अप्रत्यक्ष रूप से हैवी उद्योग को छोड़कर किसानों और सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा। दरअसल, वर्तमान में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चार स्लैब हैं, जिन्हें तीन स्लैब में घटाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसी तरह, वाणिज्यिक विभाग में 2 किलोवाट के स्थान पर 4 किलोवाट का एक नया स्लैब तय किया गया है, जिससे ग्रामीण असंगठित स्लैब को कम किया जा सकता है। शहरी वाणिज्यिक के दो स्लैब कानून द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए दो स्लैब निर्धारित हैं। इसके साथ कई बदलाव किए जा सकते हैं।
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