गाजियाबाद : जिस प्रकार उत्तर प्रदेश मे पत्रकारो की सुनियोजित तरीके से हत्याए हो रही वह बहुत ही शर्मनाक हैl
पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और आज पत्रकारो की जिस प्रकार हत्याए हो रही है वह बहुत ही निंदनीय है , पत्रकारो मे भय उपन्न हो रहा है पत्रकार समाज की दो आखे है जो देश विदेश और स्थानीय स्तर पर समाज को सच दिखाने की कोशिश करते है और पत्रकार हमारे समाज का प्रमुख व्यकित है जो सभी प्रकार की खबरे देश के नागरिको को घर बैठे मिलती है
पत्रकारिकता की आजादी हमारे देश के सविधान द्वारा मिली हुई है और आपको यह भी मालूम होना चाहिए पत्रकार और उनका परिवार अखवारो के विज्ञापन से बहुत दयनीय स्थिति से चलता और पत्रकार निडर होकर ग्राम से लेकर पूरे देश मे खबरे इकट्ठा करके आम जनता तक अच्छी खबरे और समाज मे क्या हो रहा है उसकी जानकारी देता है पत्रकार जनता के हित मे प्रशासन शासन और बदमाशो से भी टकराता है और निरन्तर अपने कार्य मे ईमानदारी से लगा रहता है परन्तु आजकल प्रशासन और शासन की मिलि भक्त के कारण पत्रकारो मे भय हो रहा है ,ऐसी स्थिति मे पत्रकारो का बहुत शोषण होता है और हमारे देश का मिडिया बहुत ही सजगता के साथ कार्य करता है और निष्पक्ष खबरे आम जनता तक पहुचाता है
पत्रकार समाज की दो आखे है और कलम उनकी ताकत होती है जो समाज के कार्य मे दिन रात लगे रहते है देश की सभी राज्यो और केन्द्र सरकार से अपील है कि पत्रकार मे आए भय के वातावरण को दूर करे और पत्रकारो पर हमला करने वालो को सख्त सजा मिलेl
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