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अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी की हालत नाजुक

गाजियाबाद। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के आज 7 वे दिन गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी की हालत हों रही है नाजुक। जिला प्रशासन पर नही पड़ रहा कोई असर, एसोसिएशन ने दिया शाम तक का अल्टीमेटम, शाम तक अगर निर्णय नही हुआ तो, उठाया जाएगा बड़ा कदम। अनिश्चित-कालीन भूख हड़ताल के सातवें दिन भी जिला स्तरीय शुल्क नियामक सीमिति के अध्य्क्ष जिलाधिकारी से एसोसिएशन ने पांच प्रमुख मांगों में से तीन प्रमुख मागों (लॉकडाउन समय की एक तिमाही फीस माफी, जुलाई से ऑनलाइन क्लास के हिसाब से फीस निर्धारण करने, निजी स्कूलों द्वारा बंद की गई बच्चों की ऑनलाईन क्लास तत्काल प्रभाव से शरू करवाना है।)


एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए कि 2018, में राज्य सरकार द्वारा बनाये गये फीस अधिनियम-18 के अंतर्गत प्रत्येक ज़िलें में एक जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति (DFRC), का गठन किया गया है जिसके माध्य्म से जिले के निजी स्कूलों की फीस निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। (DFRC) को अपने अधिकारों को इस्तेमाल करने के लिये सिविल कोर्ट की पावर दी गयी है। जिला स्तरीय शुल्क नियामक कमिटी में ज़िलें के जिलाधिकारी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया एवम ज़िलें के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को सचिव, किसी भी कमेटी के कर्तव्यों एवं अधिकारों को पूरा करने की जिम्मेदारी कमिटी में नियुक्त अध्यक्ष एवं सचिव की ही होती है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा 17 जून 2020 को भी राज्यपाल के माध्य्म से फीस अधिनयम 2018 में एक अमेंडमेंट पास किया गया है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में कोई भी आपदा जैसे बाढ़, युद्ध एवं महामारी जैसी कोई भी स्थिति अगर आती है तो प्रदेश सरकार को निजी स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार है और अब जब फीस अधिनयम -18 को लागू कराने का अधिकार जिलास्तरीय शुल्क नियामक सीमित के अध्यक्ष जिलाधिकारी के पास है तो, उसमें जोड़े गये अमेंडमेंट को भी लागू कराने का सम्पूर्ण अधिकार जिला स्तरीय शुल्क नियामक सीमित (DFRC) के पास ही है। एसोसिएशन ने मांग की है प्रशासन द्वारा शासन को जो एसोसिएशन का प्रस्ताव भेजा है, उसकी प्रतिलिपि अभिभावकों के साथ साझा करें तथा लिखित में स्कूलों को यह आदेश दे की जब तक शासन से कोई भी जवाब भेजे गये प्रस्ताव के मद्देनजऱ नही आता है, तब कोई भी स्कूल फ़ीस की माँग न करें और न ही इस दौरन फ़ीस नही देने की स्तिथि में किसी भी बच्चें को उसकी शिक्षा जैसे की ऑनलाइन क्लास/ एग्जाम एवं रिज़ल्ट से वंचित न किया जाये। एसोसिएशन ने पुनः अनुरोध किया कि जिला शुल्क नियामक समिति की शक्तियों का प्रयोग करते हुये एसोसिएशन द्वारा दिनाँक 25 /08/2020 को रखी गई 5 मांगों में से ऊपर की 3 प्रमुख मांगों पर निर्णय करने की इच्छा शक्ति दिखाए औऱ अभिभावकों को राहत प्रदान करें।   


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