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दुर्लभ महापुरुष दत्तोपंत ठेंगड़ी के स्वप्नों को साकार करने को हर प्रान्त में खुलेंगे कामधेनु विश्वविद्यालय 

नयी दिल्ली। पूर्व आईएएस अफ़सर डॉक्टर कमल टावरी ने जो कुछ 14 बरस पहले अपनी 40 पुस्तकों में लिख दिया था, वही काम आज की केन्द्र सरकार कर रही है। भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री टावरी जी की ये पुस्तकें वस्तुतः गाय और गाँव की गीता हैं। उन्होंने राष्ट्रीय विकास के हर क्षेत्र से देशी गाय को जोड़ा है और गोमाता के महत्व को उच्च स्तर पर तथ्यपरक ढंग से प्रमाणित किया है। इस वीर प्रसूता देवभूमि में जन्में अनूठे महापुरुष श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी आज नहीं है लेकिन स्वदेशी जागरण व गौ संरक्षण के उनके सभी स्वप्नों को साकार करने का वातावरण आज देश भर में बनता चला जा रहा है। स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक श्री ठेंगड़ी जी ने जो मार्ग तय किए थे आज हमारा देश उसी पर जा रहा है।


यह बात आज की वेबिनार “गौ संसद” में देश के जाने-माने समाजसेवी, आरएसएस में तृतीय वर्ष प्रशिक्षित व पूर्व प्रचारक एवं राष्ट्रीय गोधन महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक श्री विजय खुराना ने कही। उन्होंने बताया कि गाय, गोबर और गाँव की महत्ता का ज्ञान राष्ट्र के हर विद्यार्थी को कराने की योजना केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नयी शिक्षा नीति में बनायी गयी है। इसके लिए जहां गोबर के महत्व का शिक्षण विद्यार्थियों को उनकी सामान्य शिक्षा में दिया जाएगा और तकनीकी शिक्षा में पंचगव्य का पाठ पढ़ाया जाएगा, वहीं हर राज्य में कामधेनु विश्वविद्यालय भी स्थापित किए जाएँगे। प्रावधान यह किया जा रहा है कि गोधन पर काम करने वाली हर प्रतिभा का उपयोग देशहित में सम्भव हो सके। 


 खुराना ने कहा कि भारत की जनता और सरकार चाह ले तो हमारे देश की जी॰डी॰पी॰ के 5 ट्रिलियन डॉलर के वार्षिक लक्ष्य में केवल हमारी गौमाताएं व गौशालाएँ 40 हजार करोड़ रुपए का वित्त सहयोग कर सकती है। इससे बेरोज़गारी की समस्या से हमारे युवाओं को निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि 18 करोड़ देशी गोवंश और 19 हजार गौशालाओं की शक्ति का पूरा सदुपयोग करने की रणनीति राष्ट्रीय गोधन आयोग द्वारा बनाई जा रही है। 


भाग्योदय फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक श्री राम महेश मिश्र के मुख्य समन्वयन में चले वेबिनार में भारत सरकार के पूर्व सचिव एवं आपकॉम के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर कमल टावरी ने कहा कि भारतीय नस्ल की गाय भारत के विकास के हर मुद्दे व कार्यक्रम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ी हुई है। उन्होंने देश के नीति निर्धारक भारत सरकार के 110 सचिवों तथा 550 संयुक्त सचिवों का आह्वान किया कि वे अपने मंत्रालय व विभाग के कार्यक्रमों में गाय की भूमिका का गहन अध्ययन कराएँ। जिस दिन इसको समझ लिया जाएगा उस दिन भारत को वास्तविक आन्तरिक मज़बूती दी जा सकेगी। उन्होंने अपने इस कथन को झुठलाने वाले व्यक्ति को अपनी ओर से दो लाख रुपए का इनाम देने की भी घोषणा की।


गोधन महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक श्री विजय खुराना ने बताया कि आगामी 7 नवम्बर को भारत के सभी 718 ज़िलों में ‘गौ संसद’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने 19 हजार गौशालाओं के मंच *राष्ट्रीय गोधन महासंघ* और देश के 18 लाख स्वयंसेवी संस्थाओं का संयोजन करने वाले *सीएनआई यानी कंफेडरेशन ऑफ़ एनजीओज ऑफ़ इण्डिया* (स्वयंसेवी संस्थाओं का महासंघ) के संयुक्त तत्वावधान में आहूत गौ संसद के इन कार्यक्रमों में आपकॉम और भाग्योदय फ़ाउंडेशन सहित देश भर की सभी आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं व लोकसेवी संगठनों से सक्रिय सहयोग का आह्वान किया। इस दिन सभी जनपदीय संसदों द्वारा भारत में गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाने, गौउत्पादों पर से जीएसटी हटाने की माँग सहित विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएँगे। बताया कि सन 1966 में इसी दिन संसद के सामने गौमाता की जीवन रक्षा के लिए मांग करते हुए भारी संख्या में पूज्य संतों का सर्वोच्च बलिदान हुआ था। 


भाग्योदय प्रमुख श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि तीन महीने से चल रही वेबिनार श्रृंखला में अनेक जानी-मानी प्रतिभायें आपस में परिचित हुईं और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में साथ मिलकर जुटने को संकल्पित हुईं। प्रतिभाओं को रपटीली बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत विरले व समझदार लोग ही अच्छे से समझ पाते हैं। भीड़ और भ्रमित को पर्यायवाची की संज्ञा देते हुए श्री मिश्र ने कहा कि विभूतिवान व्यक्तित्वों को अपने साथ बनाए रखने के लिए सजातीय अर्थात उसी तरह के गुणों वाला बनना पड़ता है। उन्होंने 76 वर्ष की आयु में युवाओं की भाँति सक्रिय होकर पूरी शिद्दत के साथ राष्ट्रसेवा में लगे पूर्व प्रशासक डॉ.कमल टावरी के समर्पण भाव को गहराई से समझने के लिए श्री विजय खुराना की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि वह भाग्योदय फ़ाउंडेशन के मुख्य सलाहकार हैं। 


इण्टरनेशनल वेबिनार में शामिल पुष्कर-राजस्थान स्थित निर्मल धाम आश्रम के प्रमुख डॉक्टर स्वामी रामेश्वरानन्द जी महाराज सहित विभिन्न प्रान्तों के लोकसेवियों ने 7 नवम्बर 2020 को राष्ट्रीय स्तर पर गौ-संसद-आयोजन के वृहद् अभियान में सहयोगी बनने का आश्वासन दिया।


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