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गौरव सोलंकी ने उपमुख्यमंत्री से भेंट कर उठाया स्कूली बच्चों के फीस माफी का मुद्दा, सौंपे माग पत्र

गाजियाबाद के वार्ड नम्बर-76 वैशाली से पार्षद शिवानी सिंह सोलंकी के पति युवा भाजपा नेता गौरव सोलंकी ने मंगलवार को विश्व साक्षरता दिवस पर मा मुख्यमंत्री आवास लखनऊ में मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भेंट कर गाजियाबाद में कॉरोना संक्रमण के दौरान निजी स्कूलों द्वारा पूरी फीस वसूलने और अभिभावकों को परेशान करने का विषय उठाते हुए न्यायसंगत निस्तारण का अनुरोध किया। इस दौरान गौरव सोलंकी ने मा मुख्यमंत्री जी को सौंपे गए पत्र में गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा किये जा रहे भूख हड़ताल का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ से टीम भेजकर अभिभावकों की समस्या का हल निकाला जाए क्योंकि जिला प्रशासन इस विषय पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है। इस संबंध में सोमवार को पार्षद पति ने मा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जी से भी मिलकर यह मुद्दा उठाया था जिसके निस्तारण की बात उपमुख्यमंत्री ने कहीं थी।


मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में पार्षद पति ने कहा कि वैश्विक कॉरोना महामारी के कारण देश की आर्थिक स्थिति समेत लोगों की आय क्षमता प्रभावित हुई है। वहीं गाजियाबाद में स्कूल प्रशासन द्वारा मनमानी जारी है। कॉरोना संक्रमण के कारण जहां एक तरफ स्कूल बंद पड़े है और उनका खर्च मात्र शिक्षकों की तनख्वाह देने में ही नज़र आता है बावजूद इसके स्कूल प्रशासन द्वारा अभिभावकों से ऑनलाइन कक्षा के नाम पर पूरी फीस वसूली जा रही है और फीस नहीं दिए जाने पर बच्चों के अभिभावकों को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। मान्यवर मेरे यहाँ वैशाली में अधिकतर लोग जनता फ्लैट में रहते है और वो मध्यम वर्ग के लोग है जो कॉरोना संक्रमण के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। वहीं गाजियाबाद के अधिकतर निजी स्कूलों की ज़मीन सरकारी जमीन है जिसे कम दाम पर सरकार ने उन्हें दी थी जिससे समय आने पर वो अपने सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन कर सकें लेकिन स्कूल प्रशासन का व्यवहार ठीक इसके विपरीत है। माननीय जी, कुछ निजी स्कूलों ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए 3 से 6 महीने की स्वतः फीस माफी कर अभिभावकों को राहत प्रदान भी की है परन्तु एसे स्कूलो की संख्या बहुत कम है।


स्कूल प्रशासन शिक्षकों की तनख्वाह देने की बात करते है जबकि सच यह है कि इनके द्वारा शिक्षकों को पूरी सैलरी तक नहीं दी जा रही है। वहीं कॉरोना संक्रमण के कारण जहां अभिभावकों के इंटरनेट बिजली आदि के खर्चे बढ़े है और उनकी आय का स्रोत कम हुआ है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन जिला कलेक्ट्रेट पर पिछले कई दिनो से भूख हड़ताल पर है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन न्यायसंगत समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।


अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि उपरोक्त गंभीर समस्या का संज्ञान लेते हुए गाजियाबाद जनपद में अभिभावकों की समस्याओं के समाधान हेतु लखनऊ से एक उच्च समिति का गठन कर भेजा जाए जो मामलें का न्यायसंगत समाधान करा सकें। साथ ही अप्रैल से दिसंबर तक की फीस स्कूलों को सिर्फ 25 प्रतिशत तक ही लेने व फीस न देने व लेट होने की स्थिति में बच्चों और अभिभावक को परेशान न करने का आदेश देने की कृपा करें।


 


 


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