गोरखपुर व्यूरों :- राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों की समस्याओं से पीएम मंत्रालय को अवगत कराते हुए अनुरोध किया है की एक बार हमारी किसी एक भी झुग्गी में आ जाइए, हम क्यों इन झुग्गियों-झोपडियों में रहते हैं, कैसी है हमारी झुग्गी-झोपड़ियां, कैसे हम रहते हैं, क्या हम खाते हैं, क्या हम पहनते हैं, कौन सा काम हम करते हैं, कैसा पानी हम पीते हैं, कहां शौच के लिए जाते हैं, हमारे बच्चे कहां खेलते हैं, हम बीमार पड़ते हैं तो हमारा क्या होता है, हम कहां इलाज कराते हैं, हम लेबर मार्केट में खुद को बेचने के लिए खड़े क्यों होते हैं, जिस दिन नहीं बिक पाते उस दिन हमारी हालत क्या होती है, जब हमें कई-कई दिनों तक काम नहीं मिलता है तो कैसे हम आधा पेट खाकर जीते हैं, या कुछ टाइम भूखे ही गुजारते हैं, उस समय हम कैसे अपने बच्चों के पेट की आग बुझाते हैं,
गर्मी से बचने के लिए हमारे पास क्या साधन हैं, हमारे घरों में बिजली है या नहीं, प्लास्टिक की झुग्गियां तपती हैं, तो क्या बीतती है, बरसात होती है, तो हमारी क्या हालत होती है, हम औरतें किनके घरों में झाड़ू- पोछा लगाती हैं, या खाना बनाती हैं, हमारे साथ वहां क्या व्यवहार होता है, हमें कितना पैसा मिलता है, हम अपने दुधमुंहे बच्चों को किसके भरोसे छोड़कर काम पर झाड़ू-पोछा लगाने जाती हैं, यदि कभी साथ लेकर चली जाती हैं, तो मालिक-मालकिन कैसा व्यवहार करते हैं, हम क्यों कूड़ा बीनते हैं, हम कोई भी कठिन से कठिन और गंदा से गंदा काम क्यों करने को तैयार हो जाते हैं, हमारी क्या मजबूरी है कि शरीर में ताकत न होने पर भी हम क्यों रिक्शा खींचते हैं, ठेला खींचते हैं, पल्लेदारी करते हैं, हम क्यों जब तक जान न निकल जाए, तब तक काम करते रहते हैं ? इन सारी समस्याओं से अवगत होने के लिए क्यों न एक बार इनकी झुग्गी झोपड़ियों से अवगत हो ले और किन परिस्थितियों में, क्यों उन्होंने अपना घर बार छोड़ कर दिल्ली बम्बई कोलकाता में जाकर बसें है यह भी जान लें! यह सब जानें बिना और इन्हें कहीं बसाये बिना इन्हें उजाड़ना घोर अन्याय होगा ! झुग्गियों में रहने वालों के लिए सरकार उनकी रक्षा करें उनके अधिकारों को पूरा करें ! उन्होंने आगे कहा कि यदि मेरी मांग पूरी नही हुई तो हम इन गरीबों के हक्क के लिए जंतर मंतर पर अनशन करेंगे !
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