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सबदर्जन हॉस्पिटल में मरीजों के तीमारदारों से हो रही है अवैध वसूली प्रशासन मौन

दिल्ली सबदर्जन हॉस्पिटल में गरीब व्यक्ति अपना इलाज कराने जाता है अपने मरीज़ को अपने स्कूटर या मोटरसाइकिल बैठकर हॉस्पिटल पहुंचता है  अनजान व्यक्ति अपनी मोटरसाइकिल  खड़ी कर बड़ी को दिखाने के लिए  चला जाता हैl


लेकिन मोटरसाइकिल को खड़ा करने के लिए कोई व्यवस्था सही तरीके से काम नहीं कर रही है ना पार्किंग का इंडिकेशन है नाही यह मालूम पड़ता है की गाड़ी कहां खड़ी की जाए बाहर से आए मरीजों की स्कूटर मोटरसाइकिल को कहीं से भी उठा कर गेट नंबर 7 पर रखते हैं वहां पर उनसे ₹50 की पर्ची देकर 60 रुपए की वसूली की जाती है l


मरीज के साथ आए स्कूटर बाइक चालक परिवार का सदस्य उन लोगों से कोई बहस नहीं कर पाता नाही कोई शिकायत करने की सुविधा नहीं दी गई है वह अपनी मनमर्जी से ही लोगों की जेब से हड़का कर धमकाकर से पैसा निकलवा लेते हैं 12 सितंबर को यूपी 14 58 17 स्प्लेंडर मोटरसाइकिल ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के सामने से उठाकर 7 नंबर गेट पर पहुंचाई गई जब वह पीड़ित पूछता हुआ वहां पर पहुंचा तो वहां पर जगत सिंह नाम का व्यक्ति बैठा मिला उसके साथ आधा दर्जन लोग उसके इर्द-गिर्द बैठे नजर आए जब उसने अपनी स्प्लेंडर मोटरसाइकिल के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने उनसे बताया तुमने गलत मोटरसाइकिल खड़ी की थी इस वजह से उसको हम यहां पर उठा कर ले आए आप जुर्माना ₹60 भरिए और अपनी गाड़ी लेकर जाइए लेकिन न तो उन्होंने कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया था और उसका उल्लंघन कर बगैर मास्क बगैर सेनीटाइजर के वहां पर बैठकर तंबाकू इत्यादि चीजों का कुछ लोग सेवन कर रहे थे जब उन्होंने पूछा यहां पर ₹50 लिखे हैं आपने ₹60 लिए हैं यह गलत है तो उन्होंने कहा जाओ मेरी शिकायत कर दो मेरे काम को जो देखते हैं वह मिथिलेश झा है हम यह सारा पैसा उनके पास ही जमा कराते हैं सब दर्जन हॉस्पिटल में अनलॉक के दौरान मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यहां पर कोई किसी की सुनवाई नहीं करता और यहां पर स्टाफ अपनी मनमर्जी से लोगों का बेवकूफ बनाते नजर आ जाते हैं यदि यहां पर यही हाल रहा तो आने वाले समय में बहुत बड़ी गंभीर समस्या कैंसर का रूप ले लेगी इसका इलाज सिर्फ कैंसर वाले अंग को शरीर से अलग कर उस मरीज की कुछ दिनों के लिए जान बचाई जा सकती हैl


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