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"तू बैठा किस मलाल में है"

""तू बैठा किस मलाल में है""


यह चेहरे पर उदासी कैसी बंदे,


तुझको खुश रहना, हर हाल में है,


जो होना होगा वो होगा ही,


तू बैठा किस मलाल में है।


जितनी सांसे दे दी उसने,


उससे ज्यादा नहीं ले पाएगा,


जो समेट रहा है धन दौलत,


यहीं पर सब रह जाएगा,


जितना पर उपकार करेगा,


तू साथ वो ही लेे जाएगा।


सबसे कर प्यार,प्रेम रे बंदे,


नफरत से क्या लेे पाएगा।



मां बाप की कर ले सेवा,


ईश्वर खुद ही मिल जाएगा,


कितना बड़ा घर हो तेरा,


हंसने को एक कोना रख,


कितना भी करे कोई बुरा,


दिल अपना सलोना रख,


अस्त्र - शस्त्र से क्या हासिल,


बच्चे को देने एक खिलौना रख,


तू जितना बड़ा भी हो जाए,


अपने कद को बोना रख,


दीन हीन को गिरता देख,


दिल में उसे बिठाना रख,


कोई नहीं अमर इस दुनिया में,


सबको समाना इस काल में हैं,


मत कर अभिमान रे बंदे,


जाना एक दिन मृत्यु जाल में है,


यह चहरे पर उदासी कैसी,


तुझको खुश रहना हाल में है,


जो होना होगा वो होकर रहेगा,


तू बैठा किस मलाल में है।।।


।।लेखक।।


नरेंद्र राठी


सदस्य-- अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी


सदस्य--परमर्शदात्री समिति,उत्तर रेलवे


(भारत सरकार)


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