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युनिफोर्म सिविल कोड , आधा तो लागू हो चूका है , पूरा लागू किया जाये : FRHUP

दिल्ली , मुख्यालय FRHUP ( धार्मिक सदभावना एवं विश्व शांति केंद्र ) – आज यहाँ FRHUP द्वारा युनिफोर्म सिविल कोड पर एक वेबिनार आयोजित की गई | वेबिनार में जगत गुरु शंकराचार्य , नरेन्दानंद सरस्वती , पावन चिंतन धारा के संस्थापक श्री गुरु पवन सिन्हा , विश्व अहिंसा भारती के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य लोकेश मुनि , यहूदियों के भारतीय मुखिया राबी एजकल आईसेक मालेकर ,


भारत की बहाही सोसाइटी के अध्यक्ष डा ऐ के मर्चेंट , Roots-in-Kashmir के संस्थापक श्री सुशील पंडित , हिन्दुओ के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर , संचार रत्न श्री एम के सेठ , FRHUP के राष्ट्रिय महासचिव कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी , सचिव वित्त श्रीमती उर्वशी वालिया , प्रशासनिक सचिव राजिव जोली खोसला , Women International की Chair Person Smt Rekha Udit , एडवोकेट कृष्णा , आई आई टी के प्रोफ़ेसर डा पुलकि मोहन पांडे, राष्ट्रिय सैनिक संस्था की दिल्ली इकाई की सचिव डा सपना बंसल , शिक्षा और स्वास्थ विंग के राष्ट्रिय संयोजक मेजर सुशिल गोयल ने विस्तृत विचार विमर्स के बाद निम्नलिखित प्रस्ताव प्रारित किया :


युनिफोर्म सिविल कोड का मतलब है विवाह , तलाक , गोद लेना , सम्पति विभाजन पर सब के लिए एक जैसा कानून | जब सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम समुदाय को गोद लेने के लिए अधिकृत कर चूका है और जब भारत सरकार तीन तलाक की प्रथा को खत्म कर चुकी है तो युनिफोर्म सिविल कोड आधा तो लागू हो ही चूका है | 


जब 42 वे संविधान संसोधन में धर्म निरपेक्षता लाई गई तो सब धर्मो के लिए एक जैसे वरताव् की बात कही गई | उच्चतम न्यायलय भारत सरकार को युनिफोर्म सिविल कोड को लागू करने ले लिए चार बार कह चूका है | चीन , रूस और आस्ट्रेलिया में भी मुस्लिम रहते है परन्तु वहाँ वो शरियत की बात नही करते | अर्थात हिन्दुस्तान में युनिफोर्म सिविल कोड का विरोध सैधांतिक नही बल्कि राजनैतिक है | देश की सुरक्षा और विकास के लिए हम सब सरकार से पुरजोर मांग करते है की युनिफोर्म सिवि ल कोड को अगले सत्र में ही पास किया जाए अन्यथा धर्म गुरुओ और उनके अनुयायियों द्वारा जन आन्दोलन लागू किया जाएगा | 


 


                                                                       


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