फरीदाबाद-हरियाणा, 6 अक्टूबर। भारतवर्ष के समक्ष आसन्न विभिन्न राष्ट्रीय चुनौतियों का सम्मिलित शक्ति से सामना करके उनके निदान खोजने, जाने-अनजाने व चाहे-अनचाहे होने वाली गल्तियों के प्रति सभी सम्बन्धित को आगाह करने, गाय-गाँव-किसान के हितों की रक्षा करने, युवाओं व महिलाओं को जागरूक बनाकर राष्ट्र को नैतिक पतन से रोकने, समाजनिष्ठ व राष्ट्रनिष्ठ युवाशक्ति का सही मार्गदर्शन करने, भूमि को जहरीले तत्वों से मुक्ति दिलाने, भारतीय शिक्षा में संव्याप्त हो गए विदेशीपन को दूर करने, आयुर्वेद सहित देशी चिकित्सा पद्धतियों की गरिमा को पुर्नप्रतिष्ठित करने, देशवासियों में भारतीयता के भाव जागृत करने जैसे विविध उच्च उद्देश्यों को लेकर ‘राष्ट्र निर्माण केन्द्र’ की लांचिंग आज दिल्ली-एनसीआर में की गयी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद महानगर के ग्रामीण अंचल मंझावली स्थित द्रोण हेरिटेज फार्म में गायत्री यज्ञ के उपरान्त सम्पन्न लांचिंग प्रोगाम में अनेक गण्यमान व्यक्तित्व मौजूद रहे।
हरियाणा सहित देश के अनेक अध्यात्मपुरुषों, उद्योगपतियों, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासकों समेत जाने-माने विभूतिवान व्यक्तियों की विशेष उपस्थिति में भारत के समग्र विकास को समर्पित राष्ट्र निर्माण केन्द्र का बीजारोपण करने के बाद 85 वर्षीय वयोवृद्ध संन्यासी सन्त श्री स्वामी ऊँ पूर्ण स्वतन्त्र ने कहा कि हम बदलाव के महानतम दौर से गुजर रहे हैं। सुखी व शान्त विश्व के निर्माण में भारत की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होने जा रही है। तेजी से बदल रहे देश व विश्व के पास अब प्रमाद के लिए कोई समय शेष नहीं बचा है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभा चुके श्रद्धेय स्वामी जी ने ‘करो या मरो’ के आह्वान को दोहराया और कहा कि देश की युवा पीढ़ी को आजादी के बाद के 73 वर्षों की अच्छाइयों एवं बुराइयों की समुचित जानकारी देकर उनसे पीछे की गलतियों से बचने का प्रभावी आह्वान करना होगा। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, वे जैसे बनेंगे वैसा ही देश बनेगा। यह खुशी की बात है कि हमारी युवा पीढ़ी में अनेक समझदार व चमकदार व्यक्तित्व सामने आ रहे हैं। उन्होंने ऋषियों के देश भारतवर्ष के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आशा व्यक्त की कि भारत का भाग्योदय और विश्व का अभ्युदय सुनिश्चित है, यह प्रभु इच्छा है जो पूर्ण होकर ही रहेगी। उन्होंने ‘राष्ट्र निर्माण केन्द्र’ का नाम ‘विश्व निर्माण केन्द्र’ रखने का सुझाव दिया।
भाग्योदय फ़ाउण्डेशन के अध्यक्ष व संस्थापक श्री राम महेश मिश्र के मंचीय समन्वयन व संचालन में सम्पन्न लांचिंग कार्यक्रम में, मुगल आक्रांताओं को बड़ी बहादुरी से दिल्ली से खदेड़ने वाले राजा नाहर सिंह के प्रपौत्र चौधरी नरवीर सिंह तेवतिया ने देश के लिए वह सब कुछ करने का संकल्प व्यक्त किया, जिसकी आज आवश्यकता है। फरीदाबाद निवासी वरिष्ठ समाजसेवी एवं क्षेत्रीय विधायक श्री राजेश नागर के पिताश्री रूप सिंह नागर ने कहा कि हमें व हमारे परिवार को पूज्य स्वामी जी के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर देशहित के इस बड़े कार्य में हाथ लगाकर बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है। उन्होंने सभी समर्थ प्राणवानों का आह्वान किया कि एक नए भारत के निर्माण में सभी शक्तियाँ एकजुट हो कमर कसकर जुटें। जैविक भारत मूवमेन्ट के अध्यक्ष डॉ.राम कुमार अत्रि ने कहा कि प्रकृति व मानव का सम्बन्ध माँ और बेटे जैसा है, उन्होंने कहा कि जैविक भारत मूवमेन्ट आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गयी है। हमें नकलीपन से असलीपन की ओर बढ़ना ही होगा। धर्मगुरु कलावती बहिन की रचना ‘‘छोड़ साधना सन्तों को जब आगे आना पड़ता है’’ ने सभी को भीतर तक हिला दिया।
भाग्योदय फ़ाउण्डेशन के प्रमुख श्री राम महेश मिश्र ने देश-विश्व की सभी सज्जन शक्तियों से एक मंच पर आकर रहने लायक दुनिया के निर्माण हेतु काम करने का आह्वान किया। उन्होंने भावनाशील, परिश्रमी एवं प्रामाणिक व्यक्तित्वों का मंच बनाकर राष्ट्र को सांस्कृतिक आजादी दिलाने का बिगुल फूँकने का आह्वान किया। भू.पू. राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के पुरा कार्यक्रम के रचनाकार एवं नगर व ग्राम नियोजन क्षेत्र की वैश्विक विभूति तथा भारत की शीर्ष आवास निर्माण संस्था ‘हुडको’ के पूर्व चेयरमैन डॉ.पी.एस.राणा ने राष्ट्र निर्माण केन्द्र के अभियान में अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। हरियाणा पुलिस में आईजी रहे श्री रणवीर शर्मा ने हवा, पानी और जमीन की शुद्धि तथा किसानों की रक्षा होने पर ही राष्ट्र रक्षा की बात कही। कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे बिहार मूल के वरिष्ठ राजनेता श्री राम नगीना सिंह ने चरित्र व विश्वसनीयता के बढ़ते संकट पर चिन्ता व्यक्त की और कहा कि राष्ट्र निर्माण केन्द्र की इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका होगी। छः महत्वपूर्ण पुस्तकों के लेखक श्री विकेश भारतीय ने क्रान्तिकारी साहित्य सृजन द्वारा युवाओं में बदलाव लाने के अपने अभियान की जानकारी दी। श्री अजय कर्मयोगी ने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के विस्तार हेतु चलाए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
कवि सूरज पाल भारतीय के संयोजकत्व में जादूगर कलाकार देशराज भारतीय द्वारा फटे हुए कागजों को मुँह में चबाकर फिर जुड़ी हुए पेपर श्रृंखला मुख से निकालकर लोगों को दाँतों तले उंगली दबाने को विवश कर दिया। जाने-माने लोकसेवी एवं वरिष्ठ अभियंत्रण विशेषज्ञ श्री मिथिलेश ज्ञा द्वारा आभार ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके पूर्व आर्य समाज के आचार्य समरवीर नागर के नेतृत्व में आए आचार्य दल द्वारा गायत्री यज्ञ के साथ श्री स्वामी ऊँ पूर्ण स्वतन्त्र का जन्म दिन वैदिक रीति से मनाया गया। इस मौके पर सिरमौर-हिमाचल से आए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के युवा सन्त श्री स्वामी धनेश्वर गिरि समेत कई धर्मगुरु, सैन्य अफसर भी उपस्थित रहे। श्वेत धवल वस्त्रों में आए आर्य समाज गुरुकुल के ऋषिकुमारों की मौजूदगी ने वातावरण को और रोचक बना दिया।
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