दिल्ली NCR में 30 अक्टूबर से पहले सभी वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवानी होगी। सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना जरूरी कर दिया है। यह जानकारी गाजियाबाद आरटीओ अरुण कुमार ने देते हुए बताया की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होती हैं। देश के कई राज्यों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अगर आपके वाहन पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (HSRP) नहीं है तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। कार मालिक ऑनलाइन ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ऑफिसियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
दिल्ली NCR में 30 अक्टूबर से पहले सभी वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवानी होगी। सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना जरूरी कर दिया है। बिना सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बाहन से जुसा कोई भी काम जैसे वाहनों की फिटनेस या परमिट नहीं होगा। परिवहन विभाग ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बगैर किसी भी वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का काम 15 अक्टूबर से ही बंद कर दिया है।
*क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट*
एल्यूमीनियम से बनी होती हैं, इसमें एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम है। सरकार के निर्देश के अनुसार, वाहन मालिकों को जल्द से जल्द एचएसआरपी लगवाना होगा। प्लेट में एक अशोक चक्र बना होगा। यह प्लेट के बाएँ कोने पर नीले रंग से बना होगा। प्लेट में 10 अंकों का पिन भी होगा। पिन निचले बाएँ कोने पर प्रिंट होगा। यह सभी नए और मौजूदा वाहनों के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है। चोरी की स्थिति में, प्लेट वाहनों को ट्रैक करने में मदद कर सकता है।
वर्तमान में इस्तेमाल की जानें वाली नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना बहुत आसान है और इन्हें आसानी से बदला जा सकता है। आमतौर पर, वाहन चोरी करने के बाद सबसे पहले पंजीकरण प्लेट को बदला जाता है। जिससे पुलिस और अधिकारियों के लिए चोरी के वाहन को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन एचएसआरपी को हटाया नहीं जा सकेगा।
बता दें बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट वाले वाहनों पर परिवहन विभाग कार्रवाई करेगा। यही नहीं नियम विरुद्ध तरीके से नंबर प्लेट पर हिंदी या अन्य प्रकार के कलात्मक अक्षरों वाली प्लेट लगाने पर वाहन मालिकों को पहली बार में पांच हजार और दूसरी बार में दस हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। गाइड लाइन के मुताबिक सिर्फ अंग्रेजी अक्षरों में ही स्पष्ट लिखी हुई नंबर प्लेट मान्य होगी।
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