गाजियाबाद: जितना हम बांटेंगे उसका सौ गुना हमारे पास लौटकर आएगा यह जरूरी नहीं है वहीं से कहीं से भी लौट कर आ सकता है, अगर वापस नहीं आता तो समझ ले हमने कुछ बांटा ही नही *निजामुद्दीन औलिया दोस्तों हर इंसान अपने दुखों को तो बांटना चाहता है मगर किसी के दुखों को सुनना नहीं चाहता, ऐसा नहीं होता दुनिया एक हाथ दे एक हाथ ले के नियम पर चलती है,
आप दुनिया के आगे रो रो कर रोजाना अपना दुख नहीं सुना सकते और ना ही कोई सुनेगा, आप समाज के अंदर जो जो बाटेंगे उसी तरह का फल आपको मिलेगा,
एक मार्केट के अंदर एक दुकानदार था जब भी मार्केट में किसी दुकानदार के यहां मौत हो जाती थी तो वह अपना नौकर भेज देता था, कुछ सालों के बाद उसके परिवार में किसी की मौत हुई तो मार्केट के सभी दुकानदारों ने अपने अपने नौकर उसके यहां भेज दिए उस दिन उसको एहसास हुआ इतनी भीड़ में भी लोग उसके नौकर को पहचान लेते थे तो दोस्तों आप ज्यादा दिन तक समाज को गुमराह नहीं कर सकते,
दोस्तों इस जिंदगी का मकसद ही है बांटना
परमात्मा ने हमें इसलिए इंसान बना धरती पर भेजा हम एक दूसरे से जुड़े हैं, एक गली एक गांव एक शहर एक जिला प्रदेश और देश से जुड़े हैं इन सब से बनता है समाज, समाज में कुछ पाना है तो बांटना ही होगा,
दोस्तों हमने कोई अवतार के रूप में तो जन्म लिया नहीं कि हमें आदर ही आदर मिले और हम किसी को आदर ना दें ऐसा नहीं होता ऐसा हो ही नहीं सकता.
दोस्तों हम जिंदगी की सफलता की सीढ़ी चढ़ना चाहते हैं मगर हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि हम अपने आसपास सफलता ही देखें, अगर हम खुश रहना चाहते हैं तो हमें अपने आसपास भी उसी तरह का माहौल बनाना पड़ेगा तभी हम खुश रह पाएंगे !
दोस्तों ऐसा नहीं हो सकता चारों तरफ हाहाकार मचा है और उसे नजर बचाकर हम खुशी पा लें ऐसा नहीं हो सकता !
दोस्तों खेत में जिस वस्तु का बीज बोएंगे उसकी ही फसल काटेंगे ऐसा नहीं होता कि हम बोए तो गेहूं और फसल चावल की काटे,
खुशियां बोएगे तो खुशियां ही पाएंगे. *मनजीत*
दोस्तों गेंद को जोर से उछाल दो तो वह वापस आएगी
रोनी सी सूरत लेकर हम घूमते फिरे तो हमें सब रोते ही नजर आएंगे
दोस्तों इंसान को दूसरों का सम्मान करना चाहिए आप अगर किसी का अच्छा नहीं कर सकते तो बुरा भी मत करें, जैसा आप समाज में बाटेंगे उसी का सो गुना आपको वापस मिलेगा, एक राजा के यहां एक संत भिक्षा लेने के लिए आया राजा ने गुस्से में उसको बेइज्जत किया कहां तंदुरुस्त हो कमा सकते हो संत ने फिर कहा कुछ भिक्षा दे दो राजा ने गुस्से में घोड़े की लीद संत को दे दी संत ने उस लीद को ले जाकर अपनी झोपड़ी के बाहर रख दिया,
कुछ दिनों के बाद राजा जंगल में शिकार करने गया तो उसने देखा एक झोपड़ी के बहार लीद पड़ी है और धीरे-धीरे वो रोजाना बढ़ती जा रही है राजा की आवाज सुनकर संत बहार आए राजा के कुछ कहने से पहले संत ने कहा के राजा तुम्हारी दी हुई लीद है, जो बढ़ती जा रही है राजा ने कहा ये कम कैसे होगी,
तुम्हें खानी पड़ेगी, राजा ने हाथ जोड़कर माफी मांगी कि मुझसे गलती हो गई संत ने कहा जो तुम समाज में बांटते हो उसी का सो गुना तुम्हारे पास पहुंचता है, राजा ने माफी मांगी और उसका उपाय पूछा
संत ने कहा राजा समाज में जितना भी आप बाटेंगे उसके एवज में जो दुआ मिलेंगी उन्हीं दुआओं से यह धीरे-धीरे कम हो जाएगी.
जैसा हम समाज में करते हैं उसका फल हमें ही भोगना पड़ता है *मनजीत*
दोस्तों इंसान को दुनिया से रिश्ता जोड़ना है तो पवित्र रिश्ता जोड़े धोखा फरेब से रिश्ते बनते नहीं तोड़े जाते है, दोस्तों इंसान अगर ज्ञान प्राप्त करता है तो ज्ञान को बाटे भी, ज्ञान को छुपा कर रखना उचित नहीं ज्ञान बांटने से ज्ञान बढ़ता है इंसान अगर कुछ हासिल करना चाहता है तो नाकामी से मत डरो नाकामी के डर से हमें मैदान में उतरना बंद नहीं कर देना चाहिए, खुद पर भरोसा रखें भरोसे से उठा कदम बड़े से बड़े जोखिम को छोटा साबित कर देता है
इंसान अपनी भीतरी शक्ति से ही संसार में कुछ पाने की इच्छा रखते है अगर आप अपने को कमजोर समझेंगे तो शायद फिर हम कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे इंसान की सफलता अपने ऊपर हौसला शक्ति या ताकतवर होने के बाद ही पूरी होती है.
दोस्तों मैं आपका अच्छा दोस्त *मनजीत* बोल रहा हूं
फिर एक बार आपको याद दिला दूं कि समाज में हम जो बाटेंगे वही हमारे पास लौटकर आएगा अच्छे समाज का निर्माण हमें ही करना है मददगार बने जरूरतमंद लोगों की मदद करें, परमात्मा ने हमें इंसानी रूप इसलिए भी दिया है कि हम अपने से कमजोर आदमी के मददगार बने सेवा करें समाज में खुशियां बांटे समाज में अगर चारों तरफ खुशहाली नजर आएगी तो हम भी खुशहाल बनेंगे!
दोस्तों जैसे अंधेरे को दूर करने के लिए रोशनी की जरूरत होती है उसी तरह नफरत दूर करने के लिए मोहब्बत की, समाज में प्यार बांटे परमात्मा के दिखाई हुई राह पर चलें परमात्मा से जुड़े
दोस्तों आपका अच्छा दोस्त *मनजीत* बोल रहा हूं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि परमात्मा की राह का एक पन्ना आपके पास भेज रहा हूं अवश्य पढ़ा करें आप परमात्मा से जुड़ेंगे तो मुझे खुशी होगी आपका दोस्त आपका *भाई सरदार मंजीत सिंह*
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