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मप्र के मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिया इस्तीफा, पूरा हो गया छह महीने का कार्यकाल

इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे तुलसीराम सिलावट ने बुधवार को कहा कि उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों के तहत राज्य के जल संसाधन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इस सीट पर 13 दिन बाद मतदान होना है। सिलावट ने संवाददाताओं को बताया कि मुझे राज्य के मंत्री पद की शपथ लिए आज (बुधवार) छह महीने हो रहे हैं। मैंने संवैधानिक प्रावधानों के तहत कल (मंगलवार) ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, मेरे लिए मंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए जनता की सेवा और राज्य की प्रगति महत्वपूर्ण है। मैं बिना मंत्री पद के भी जनता की सेवा कर सकता हूं। 


 


सिलावट ने कहा कि मैं (कमलनाथ की अगुवाई वाली) पिछली सरकार में भी मंत्री पद और विधानसभा की सदस्यता छोड़ चुका हूं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक सिलावट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मंगलवार को भेजे त्यागपत्र में कहा कि मैं भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4) में वर्णित प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में आज दिनांक 20 अक्टूबर को मध्यप्रदेश शासन के मंत्री पद से स्वेच्छा से त्यागपत्र सौंप रहा हूं। पत्र में आगे कहा गया कि कृपया मेरा त्यागपत्र आज दिनांक 20 अक्टूबर को अपरान्ह से स्वीकार करने का कष्ट करें।


गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 164 (4) कहता है, कोई मंत्री, जो निरंतर छह मास की किसी अवधि तक राज्य के विधान-मंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर वह मंत्री नहीं रहेगा। सूबे में सात महीने पहले सत्ता परिवर्तन के बाद सिलावट को विधानसभा की सदस्यता के बगैर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल में 21 अप्रैल को शामिल किया गया था। इससे पहले, वरिष्ठ राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। 


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