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पब्लिक स्कूलों में मानकों के अभाव में नहीं हैं बच्चों के बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम

गाजियाबाद:  हम जनहित में आपका ध्यान पब्लिक स्कूलों की दिलाना चाहते हैं,कि देश में घटित अग्नि घटनाओं से शहर के पब्लिक स्कूलों के प्रबंधक सबक नहीं ले रहे हैं । न मालूम क्यों शिक्षा विभाग बिना मानकों के प्रबंधकों को स्कूल संचालन हेतु किस नियम के तहत स्वीकृति दे देते हैं । जिसके कारण इन पब्लिक स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए पुख्ता इंतजाम भी नहीं है ।


 क्या वास्तव में शहर में पब्लिक स्कूल मानकों के अनुरूप चल रहे हैं , पब्लिक स्कूल प्रबंधकों के पास उत्तर प्रदेश अग्नि शमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण मौजूद है, यहाँ पर आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि स्कूल में अग्नि शमन उपकरण लगें हुए वह पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं । इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे अग्नि शमन उपकरणों को मानकों के अनुरूप पूर्ण करना पड़ता है । स्कूल बिलिंडग के चारों ओर सेड बैक है, आपदा की स्थिति निपटने के लिए अग्नि शमन विभाग की गाड़ी कालेज प्रांगण में पहुँच जायेगी । अपर बाजार मोदी नगर स्थित पब्लिक स्कूल में परिस्थितियों के अनुसार लगभग 35 000 लीटर का भूमि गत वाटर टेंक है ।


, क्या स्कूल बिलिंडग के ऊपर लगभग दस हजार लीटर का  ट्रेगिंग टेंक है, पब्लिक स्कूलों में एक बिजली व दूसरा डीजल से चलने वाला पम्प और पम्प रूम मौजूद है । स्कूल की बिल्डिंग,बिल्डिंग कोड के अनुरूप बनीं हुयी है । किसी आपदा को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है । नगर में दो पब्लिक स्कूल सनेमा हाल की बिल्डिंग में चल रहे हैं ।


उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा निजी पब्लिक स्कूल के संचालन हेतु संचालकों को शर्तों के साथ जारी अनापत्ति प्रमाणित पत्र के अनुरूप शिक्षा शुल्क एवं अन्य शर्तों को पालन करना चाहिए । जिसका पालन नहीं किया जाता है । निजी पब्लिक स्कूलों में शक्ति से लागू कराया जाये । परंतु इन निजी पब्लिक स्कूलों में शिक्षा शुल्क नाम मात्र का रह जायेगा और शिक्षा भी प्रदेश में सस्ती हो जायेगी ? जिससे इन पब्लिक स्कूलों में गरीब से लेकर अमीर तक अपने बच्चों को आसानी से पढ़ा सकेंगे और अभिभावकों को भी राहत मिलेगी ।


निजी पब्लिक स्कूल के संचालक उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली से सम्बंद्धता रखने वाले पब्लिक स्कूल के संचालक उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण- पत्र शर्तों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध एवं अनाधिकृत तरीके से भारी शिक्षा शुल्क स्कूल में वसूल कर रहे हैं ? जब कि शिक्षा लाभ का व्यापार नहीं है ? 


उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण- पत्र की शर्तों के अनुसार निजी पब्लिक स्कूलों में कम से कम 10 प्रतिशत स्थान मेधावी और पिछड़े एवं निर्बल आय वर्ग के बच्चों के सुरक्षित रहेंगे तथा उनसे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विधालयों में विभिन्न कक्षाओं के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क नहीं लिया जायेगा । लेकिन पब्लिक स्कूल के संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल में अध्यन कर रहे बच्चों के अभिभावकों से अवैध अनाधिकृत तरीके से भारी भरकम शिक्षा शुल्क वसूल किया जा रहा है ? उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा जारीअनापत्ति प्रमाण -पत्र की शर्तों के अनुसार स्कूल के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं प्रशिक्षित होंगे ।स्कूल के शिक्षण तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राजकीय सहायता प्राप्त शिक्षण विधालयों के कर्मचारियों को अनुन्य वेतनमानों तथा अन्य भत्तों से कम वेतन मान एवं अन्य भत्ते नहीं दिये जायेंगे ।


स्कूल के संचालकों द्वारा अनापत्ति प्रमाण- पत्र के विपरीत कार्य करके अध्यापक ,अध्यापिकाओं व कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, क्यों कि उन्हें स्कूल संचालकों द्वारा मानकों के अनुरूप वेतन अन्य सुविधा नहीं दी जा रही हैं ?


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