दिल्ली : अनुसूचितजाती जनजाती ओबीसी व साथ साथ मुस्लिम सिख ईसाई व बुद्धिस्ट लोगो को केंद्र की मोदी सरकार नीचे दिखाये गए दरिद्र रूप में देखना चाहती हैl इसीलीए मोदी ने आर एस एस के इशारे पर तमाम सरकारी उपक्रमो को अपने चहेते पूंजी पतियों को बेच दिया है ,,,, ताकि एक तरफ तो मूल निवासी बहुजनो की आर्थिक समृद्धि रुके ,,,, और दूसरी तरफ देश का सारा पैसा पूंजी पतियों के पास चला जाये जहां से फिर वह पैसा मनुवादियों के पास व बीजेपी के पास आ जाये ,,, और फिर उसी पैसे से मनुवादी ई वी एम के जरिये नाम मात्र का चुनाव लड़कर सत्ता पर कब्जा करले व सत्ता में आकर मूल निवासियों का गला घोंटते रहे
इस प्रकार निजी करण जब हो जाएगा तो एक तरफ तो आरक्षण अपने आप ही रुकेगा और दूसरी तरफ बहुजनो की आर्थिक समृद्धि अपने आप ही रुक जाएगी ,,,, और आर्थिक समृद्धि जब रुक जाएगी तो न तो बहुजनो के बच्चे पढ़ पाएंगे और न वो डॉक्टर इंजिनीयर कलेक्टर एस पी बन पाएंगे और ना वो मनु वादियों से मुकाबला कर पाएंगे ,,,, केंद्र की मोदी सरकार आर एस एस के इसारे पर इसी पैटर्न पर काम कर रही है जिसे बीजेपी से जुड़े अनु जाती जान जाती ओबीसी के विधायक सांसद समझ ही नही पा रहे हैl
ये लोग अपने निजी फायदों के चलते हुए अनु जाती जान जाती ओबीसी के लोगो को खड्डे में डालने का काम कर रहे हैं ,,,, ऐसे हालातो में देश के अनु जाती जान जाती ओबीसी के लोगो को चाहिए कि वो बीजेपी से जुड़े अनु जाती जान जाती ओबीसी के विधायक व सांसदों का बहिष्कार करे , उन्हें अपने नजदीक नही फटकने दे , उनका सामाजिक बहिष्कार करे ,,,, अनु जाती जान जाती ओबीसी के लोगो को यह मान कर चलना चाहिए कि बीजेपी उनके लिए जहर की पुड़िया है : साभार
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