गाजियाबाद : इन दिनों कुछ GDA कर्मचारियों द्वारा अवैध निर्माणों व व्यवसायिक गतिविधियों की शिकायत किये जाने पर शिकायत को दबाने व अंदरखाने सेटिंग के लिए नकली सीलिंग करने के मामले प्रकाश में आ रहे है,
जिसमे बिना किसी नोटिस या सरकारी आदेश के GDA का फीता बिना सील के बांध दिया जाता है और बाद में चुपके से हटा दिया जाता है। ऐसा ही एक प्रकरण अंकुर विहार MM72 पर स्थित बिल्डिंग में हाल ही में हुआ है
यहाँ के निवासियों ने बेसमेंट में अवैध रूप से फ्लैट बनाये जाने की शिकायत जब GDA और जिलाधिकारी जी से की तब मामले को दबाने के लिए इन फ्लैट्स में इसी प्रकार की फर्जी सीलिंग लगा दी गई और बाद में चुपके से हटा दी गई, इस सम्बंध में जब एक RTI द्वारा स्थानीय RTI कार्यकर्ता बिनोद कुमार ने जानकारी मांगी तब उसके उत्तर में खुलासा हुआ कि MM72 में कभी कोई सीलिंग हुई ही नही थी। इसी प्रकार का एक अन्य मामला D4/2 का भी सामने आया है,
स्थानीय निवासियो के अनुसार वहाँ पर भी अवैध रूप से बनाई गई दुकानों की शिकायत को दबाने के लिए इसी प्रकार लॉक डॉउन के दौरान बिना सील के GDA का रिबन लगाकर फर्जी सीलिंग कर दी गई थी जो कि अब हटा ली गई है, कंल ही इसी प्रकार की एक सीलिंग रिबन D3/1 के अवैध चौथे फ्लोर पर लगाई गई है और सुपरवाइजर ने कुछ ही दिनों में दोबारा सील खोलने की बात कही है। इस प्रकार लगातार चल रहे फर्जी सीलिंग के खेल से लगातार सरकार, जनता और GDA को कर्मचारियों द्वारा चूना लगाया जाना प्राधिकरण व प्रशासन के लिए चिंता का विषय है और साथ ही सरकारी सीलिंग प्रक्रिया के दुरुपयोग को बढ़ावा दे रहा है। इस पर GDA और DM गाज़ियाबाद को पत्र लिखकर जांच के लिए अनुरोध किया गया है।
जब इस संबंध में हमारे संवाददाता ने जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं है यदि ऐसा चल रहा है तो दोषी लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगीl
0 टिप्पणियाँ