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पाखण्ड अंधविश्वास से बचने के लिए वेद मार्ग अपनाये- राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "प्रभु मिलन की राह" विषय पर ऑनलाइन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में परिषद् का 115 वां वेबिनार था। वैदिक विदुषी विमलेश बंसल (दर्शनाचार्या) ने कहा कि एक मात्र वेद की राह ही प्रभु मिलन की राह है,क्योंकि ईश्वर की वाणी वेद है वेद में ईश्वर के अनेकानेक मन्त्र हैं ईश्वर के सच्चे स्वरूप को समझने ईश्वर की वाणी की समीपता करनी ही होगी नित्य स्वाध्याय सत्संग वेदानुकूल ग्रन्थों का स्वाध्याय करके ही परमात्मा की ओर बढ़ा जा सकता है।


नित्य पंच महायज्ञ करना,पूरी दिनचर्या को प्रभुमय,जपमय, तपमय कर ही उस परमात्मा की राह को प्राप्त किया जा सकता है।


परमात्मा ने स्वयं तक पहुंचने की स्वयं ही वेदमन्त्रों द्वारा अपनी राह सुझा दी है जिसकी वृहद व्याख्या दर्शन, उपनिषद, ब्राह्मणग्रन्थों में ऋषियों महर्षियों ने खोली हुई है, आवश्यकता है सद्ग्रन्थों के साथ सत्संग कर स्वाध्याय रत हो वैसा आचरण बनाने की, ब्रह्मयज्ञ करते हुए निज आदर्श बनाने की, सभी को साथ ले वेद की ओर बढ़ने की।


केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि परमात्मा के प्रति पूर्ण समर्पण,आस्था,निष्ठा से ही उसे पाया जा सकता है।पाखण्ड अंधविश्वास व बाबाओं के चक्कर में न फंस कर सीधे परमात्मा से मिलन के लिए वेद मार्ग अपनाना चाहिए।वेद मार्ग के बिना कोई रास्ता नहीं है।


प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग और ध्यान का निरंतर अभ्यास परमात्मा के समीप लाता है।अध्यक्षता करते हुए परिषद के राष्ट्रीय मंत्री सुरेश आर्य ने अपने जीवन में प्रतिदिन यज्ञ को अपनाने पर जोर दिया।


युवा गायिका दीप्ति सपरा,आशा आर्या,सुनीता बुग्गा,रवीन्द्र गुप्ता, रजनी गोयल,नरेश खन्ना,वीना वोहरा,जनक अरोड़ा आदि ने मधुर भजन सुनाये।


परिषद के महामंत्री महेंद्र भाई, आनन्द प्रकाश आर्य,उर्मिला आर्या,शोभा सेतिया,दुर्गेश आर्य, गौरव गुप्ता,प्रकाशवीर शास्त्री, सुदेश वीर आर्या आदि उपस्थित थे।


 


 


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