साहिबाबाद : लौह पुरुष भारत के प्रथम गृह मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न, किसानों, मजदूरों के सच्चे सेवक सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस समारोह “राष्ट्रीय एकता, सद्भाव” दिवस के रूप में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में मनाया गया| कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अधिकारी सी0 पी0 सिंह ने की, कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राम दुलार यादव शामिल रहे, समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने विचार व्यक्त किये, संचालन मुकेश शर्मा ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के आह्वान पर सभी भाइयों, बहनों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजलि दी, तथा देश, समाज की उनके द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हुए उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया|
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राम दुलार यादव ने कहा कि सरदार पटेल मन, बचन, कर्म से सच्चे देश भक्त थे| वे जाति, धर्म के कट्टर विरोधी, आधुनिक भारत के सच्चे शिल्पकार, वे उच्चकोटि के संगठन कर्ता, एकता, अखंडता तथा एक सूत्रीय भारत के निर्माता, दृढ संकल्पवान रहे, उनमे पश्चात विचारक विस्मार्क, अब्राहमलिंकन तथा भारतीय अर्थशास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य के गुण एक साथ विद्यमान थे, वे बोलते कम, काम अधिक करने में विश्वास रखते थे| वे महात्मा गाँधी के सच्चे सहयोगियों में एक थे, उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में अदम्य साहस का परिचय दिया, मानवीय समस्यायों के प्रति उनका दृष्टिकोण हमेशा व्यवहारिक रहा, वे किसानों और मजदूरों की समस्याओं पर हमेशा चिंतन, मनन करते थे, तथा कहा करते थे राज्य का अदना से अदना कर्मचारी किसानों और मजदूरों के सम्मान पर चोटकर अपशब्द कह जाता है, जबकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार ही किसान और मजदूर है, हमें इस व्यवस्था को बदलना होगा| वे बेजुबान किसानों और मजदूरों के दुःख पर इतने दुखी थे कि कहा करते थे मुझे शर्म आती है जब एक चपरासी उन्हें प्रताड़ित करता है और वे उस दुःख को चुपचाप सहन करते है| सरदार पटेल जी ने कहा कि मै किसानों के स्वाभिमान, सम्मान के लिए काम करूँगा जिससे वे सिर ऊँचा करके चल सकें| तभी मेरा जीवन सफल होगा| यदि मै ऐसा करूँगा तो जब मेरा देहावसान होगा तब मै अपने जीवन की सार्थकता को समझूंगा|
वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि सरदार पटेल जी ने 1918 खेडा में किसान आन्दोलन का नेतृत्व कर लगान माफ़ करवाया| किसान आन्दोलन बारदौली 1928 में सरदार बल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में हुआ, ब्रिटिश सरकार ने किसानों की लगान 30% बढा दी थी, ब्रिटिश सरकार ने आन्दोलन को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अंतत: उसको झुकना पड़ा तथा बढ़ी लगान वापस करनी पड़ी, लेकिन आज किसानों के साथ कितना अन्याय हो रहा, उसकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, किसानों को अपना धान 1100 रुपये क्विंटल तक बेचना पड रहा है, उसे न्यूनतम मूल्य नहीं मिल रहा जबकि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए केन्द्र सरकार से कानून बनाने का आग्रह कर रहा है, लेकिन केन्द्र सरकार ब्रिटिश हुकूमत से भी ज्यादा कठोर हो किसानों और मजदूरों के हित के विरोध कानून बना दिया है, वह काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है, लेकिन आजाद भारत की सरकार सरदार बल्लभ भाई पटेल के खेडा और बारदौली के आन्दोलन से भी सबक नहीं सीखना चाहती नहीं तो जैसे अंग्रेजों की सरकार ने लगान माफ़ किया तथा बढ़ी लगान वापस ली, वैसे इन्हें किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य भुगतान करने के लिए कानून पास करना चाहिए, जिससे किसानों की फसल की लूट न हो| वह सम्मान जनक जीवन जी सके यही सरदार पटेल का सपना था| वर्तमान सरकार पटेल के नाम पर मूर्ति तो बना दी, लेकिन उनके बताये रास्ते पर एक कदम चलना नहीं चाहती, मूर्ति भी बनाइये, उनके द्वारा देश, समाज हित में किये गये कार्यो को भी प्रचारित कीजिए लेकिन उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रभावित हो समाज हित में कुछ करिये, इतिहास बड़ा क्रूर होता है वह किसी को माफ़ नहीं करता|
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे- राम दुलार यादव, सी0पी0 सिंह, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, बिन्दू राय, संजू शर्मा, विनोद त्रिपाठी, शबाना, मंगल सिंह चौहान, रेनूपुरी, राजपाल यादव, साकेत तिवारी, आरती मित्तल, अन्नू यादव, राम करन जायसवाल, रिन्ना यादव, रहीमुद्दीन, विनोद बाल्मीकि, मुनीव यादव, संदीप त्यागी, ब्रह्म प्रकाश, ताहिर अली, हरिंदर यादव, प्रिय दर्शिनी सिंह, प्रियंका सिंह, महिमा सिंह, संतोष कुमार, दयाल शर्मा, रवि चौहान, एम0 आर0 खान, हरी किसन, पप्पू, सुभाष यादव, हरिशंकर यादव, हाजी मो0 सलाम, प्रेम चन्द पटेल, सुरेश कुमार भारद्वाज, अंकित राय आदि|
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