लखनऊ 4 नवम्बर प्रगति यात्रा की बड़ी पड़ताल के बाद *शक्तिभवन के अन्दर बैठे भ्रष्टाचार के एक बड़े पैमाने के डैडी के कारनामो की जानकारी आज हम अपने पाठकों के सामने रखने जा रहे है* जैसे *चिराग तले अधेरा होता है* उसी तरह ईमानदारी की ढपली बजाने वाले पावर कार्पोरेशन मे अवैध रूप से तैनात *अध्यक्ष और प्रबन्ध निदेशक के कमरे के सामने कानपुर मे आलू मण्डी मे वित्तीय वर्ष 2007 - 8 उपखण्ड के पद पर तैनात रहते हुए मीटर मे सेंसर के माध्यम से बिजली चोरी कराने के आरोप में पकडे गये थे* इस घटना के खुलासे के बाद जनाब ने केस्को के मुख्यालय से सबंध रहे और तत्पश्चात जुगाड लगा कर शक्तिभवन मे घुसे उसके बाद *2012 में EE के पद पर पदोन्नत कैसे हुए उसके बाद की कहानी तो लगभग सभी जानते है और यही से शुरू हुआ इनका खेल और बन गए भ्रष्टाचारीयो के डैडी* । इनके सामने कई बडका बाबू आये अपना अपना राज्य चलाया और फिर चले भी गये *परन्तु डैडी के साम्राज्य का कोई कुछ कभी नही बिगाड पाया ना ही वर्तमान ही कोई बिगाड सकता है* ऐसा ही लगता है क्यो कि अपनी *ईमानदारी के लिए मशहूर अवैध रूप से नियुक्त uppcl के प्रबन्ध निदेशक को भी जनाब अपनी सहुलियत से अनुसार अपनी अगुलियो के इशारे पर उनको भी नचाते है* सूत्र बताते है कि जमकर चांदी का जूता खाते है और चांदी का जूता मारने की कला में पूरी तरह निपुण योद्धा के रूप में बे - खौफ अपना किरदार निभा रहे हैं
*उ प्र के मुख्यमंत्री जहाँ प्रदेश को जीरो टॉलरेन्स की नीति पर चलाने की चुनौतियो को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं* और उन्हीं के द्वारा अवैध रूप से नियुक्त *बड़केबाबू घाटे का रोना रोते हुए प्रदेश के बिजली उद्योग को बेचने की कवायत में जुटे हुए है* भले ही कोई कार्पोरेशन को बेचे या विभागीय कर्मी विभाग को बचाने की लड़ाई में मशगूल हो *परन्तु शक्तिभवन मे बैठे डैडी जिन्हें शुद्ध रूप से यह भी कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचारी साम्राज्य के पाप का डैडी यानी शक्तिभवन के सबसे बड़के बाबू के विषेश कृपा पात्र स्टाफ ऑफिसर* जो इनदिनों UPPCL की सभी *बिलिग ऐजेन्सियो से लेकर मीटर लगवाने की ऐजेन्सीयो एवं कंसन्ट्रेट कम्पनियो से जुडे भ्रष्टाचार के बड़ी मजबूत कड़ी के रूप अपनी बडी ही अहम भूमिका निभाते देखे जा सकते है और रही बात इनकी अकूत सम्पत्ति की उसके बारे मे क्या कहने उसे पाठक खुद ही समझ सकते है* ।
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