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अधिवक्ता से हुई लूट के मामले में न्यायालय करायेगा पुलिस को कानून का बौद्ध

 गाजियाबाद में इन दिनों लूट चोरी बिना जब्ती की वारदातों में ठंड के चलते बढ़ोतरी हुई है इसी क्रम में गाजियाबाद निवासी अधिवक्ता के साथ बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया जिसमें अधिवक्ता ने बताया मैं प्रमोद ए०आर० निमेश, पेशे से अधिवक्ता एवं जिला एवं सत्र न्यायालय गाजियाबाद में प्रैक्टिस करता हूँ, 


स्थायी निवासी अर्थला, मोहन नगर गाज़ियाबाद के साथ दिनाँक 05.01.2021 को सेक्टर 10 वसुन्धरा क्षेत्र गाज़ियाबाद में हुई लूट की घटना हुई थी जिसमें मेरी सफेद रंग की सेंट्रो कार DL13C7116, गाड़ी के डैश बोर्ड में रखे 42000 हजार रुपये, सोने की चैन व हाथ घड़ी लूट ली थी। मेरे द्वारा तत्काल 112 पर कॉल कर पुलिस सहायता मांगी गई थी । 


उपरांत पुलिस ने 4 आरोपियों को पकड़ कर उनकी निशानदेही पर सभी सामान बरामद कर लिया था, जिसको की इंदिरापुरम पुलिस द्वारा मालखाने के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया और नाहीं आज दिनाँक 22.01.2021 तक इंदिरापुरम पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करी गयी और मामले की गंभीरता को ताख पर रखकर पूरे मामले डाइवर्ट/मोड़ते हुवे दिशाविहीन कर दिया गया जोकि उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाती है। जबकि पुलिस द्वारा पकड़े गये आरोपियों को 24 घंटे से ज्यादा थाना इंदिरापुरम की कस्टड़ी में रखने के बाद छोड़ दिया गया था और छूटने के बाद से ही प्रार्थी को आजतक लगातार समझौता करने का दबाव बना रहे है और समझौता ना करने पर जान से मारने की धमकियां मिल रही है।

कुल मिला कर देखने में आया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विधिविरुद्ध कार्यशैली अपना रही है और पीड़ित के साथ नाइंसाफी हो रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन से पीड़ित का विश्वास उठ रहा है। इस प्रेस विज्ञप्ति द्वारा निवेदन है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से सम्पर्क साधकर कथित प्रकरण की सत्यता को उजागर करने की कृपया करें ।

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