दिल्ली : राज्य स्तर पर भारत में अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, लोदी रोड, नई दिल्ली में बाल यौन दुरूपयोग और शोषण को समाप्त करने और दिल्ली में बच्चों के विरुद्ध सभी प्रकार की हिंसा का अंत करने पर विचार-विमर्श किया गया।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, महिला एवं बाल विकास विभाग, दिल्ली में बाल अधिकारों के संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) तथा सीएसओएस ने सी सी एस के सदस्यों, जिला बाल संरक्षण अधिकारियों (डीसीओएस), सी सी आई एस, के अधीक्षक तथा कल्याण अधिकारियों सहित विचार-विमर्श में भाग लिया।
राष्ट्रीय कार्रवाई और समन्वय समूह के सहयोग से महिला और बाल विकास विभाग, दिल्ली के सहयोग से जन सांस्कृतिक केंद्र, भुवनेश्वर, ओडिशा द्वारा परामर्श का आयोजन किया गया।इस समारोह में शामिल दूसरे भागीदार थे विश्व दृष्टि जर्मनी, विश्व दृष्टि जर्मनी, जर्मन संघीय सरकार के साथ भागीदारी में ABHAS, AV बलिगा मेमोरियल ट्रस्ट, आशा गभीर फाउंडेशन एवं इन्पेडिशनल इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट (स्पिड-सोसाइटी), नई दिल्ली।
उद्घाटन सत्र में डॉ. रश्मि सिंह आईएएस, विशेष सचिव सह निदेशक (समाज कल्याण) तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक ने भाषण दिया।
उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, डॉ. ष्मी सिंह आई. ए. विशेष सचिव सह निदेशक (समाज कल्याण) तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक ने कहा कि सामूहिक स्वामित्व तथा साझा उत्तरदायित्व के माध्यम से हम यौन हिंसा के विरुद्ध बच्चों की उचित देखभाल और सुरक्षा प्रदान कर सकेंगे।इस तरह की अभिसरण बैठक हमारे कर्तव्य के प्रति अधिक चुस्त और जिम्मेदार बनने के लिए तथा बेहतर प्रभाव और परिणामों के लिए समय की जरूरत के समग्र तरीके से मुद्दों पर ध्यान देने के लिए हमें एक साथ मिलती है।
श्री रणजी कुमार मोहनी, बच्चों के विरुद्ध हिंसा का अंत करने के लिए राष्ट्रीय एक्शन और कोआर्डिनेशन ग्रुप (एनएसीजी-एवक-इंडिया) ने नाकजी एवक इंडिया सीएसओ नेटवर्क के उद्देश्यों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जो दक्षिण एशिया के देश-स्तरीय सोसायटी मंच है, जो क्षेत्रीय सहयोग के लिए दक्षिण एशिया एसोसिएशन के एक अंतरसरकारी सर्वोच्च निकाय सार्क के बच्चों के खिलाफ हिंसा का अंत करने के लिए पहल है।नाकग EVAC इंडिया ने गैर सरकारी संगठनों के नेटवर्क, गठबंधन, मीडिया, बच्चों के मंचों, शिक्षा और अन्य सिविल समाज निकायों को परस्पर संवाद, नेटवर्किंग, संयुक्त समर्थन, अच्छे तरीकों के आदानयह देश के कार्यों को संयुक्त राष्ट्र तथा अंतर्राष्ट्रीय निकायों के व्यापक प्रयास से जोड़ता है।
बच्चों, विशेषकर बाल यौन शोषण, बाल व्यापार, बाल विवाह और शारीरिक दंड के विरुद्ध हिंसा के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए संयुक्त समर्थन, अच्छी प्रथाओं को साझा करना तथा अनुभव को साझा करना, जिसमें विकलांगता और बाल भागीदारी पर पूरी तरह ध्यान दिया गया है।यह देश के कार्यों को संयुक्त राष्ट्र तथा अंतर्राष्ट्रीय निकायों के व्यापक प्रयास से जोड़ता है।उन्होंने इन बैठकों में बच्चों को बाल यौन शोषण से बचाने और संस्थागत प्रतिक्रिया तंत्र को सशक्त बनाने के साथ-साथ काम करने पर जोर दिया।श्री मिखाल प्रधान वकालत, विश्व दृष्टि भारत ने बीएमएजी-एनएसीजी EVAC भारत क्षमता निर्माण परियोजना तथा बाल संरक्षण हितधारकों और सेवा प्रदाताओं के लिए आयोजित समरूपता और समन्वय बैठक के उद्देश्यों के बारे में साझा किया।श्री प्रधान ने दिल्ली में बच्चों के साथ किए गए आधारभूत सर्वेक्षण तथा दिल्ली में सीएसए के पैमाने और परिमाण पर प्रकाश डालने वाले निष्कर्षों तथा बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव के निष्कर्षों के साथ साझा किया।सुश्री माधीवी सैमसन, राजकीय संवर्धक, नैकजी-एवक इंडिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीएसए के बारे में बच्चों, माता-पिता/देखभाल करने वालों और समाज में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है समय और उच्च महत्व की और विशेष रूप से दिल्ली में बाल यौन शोषण को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार की जरूरत है.श्री अनुराग कुंडु अध्यक्ष, डीसीपीसीआर ने ध्यान दिया कि सही हितधारक या अभिनेताओं को एक मंच पर लाने तथा उनकी सामूहिक कार्रवाई से समुदाय में बाल यौन शोषण को नियंत्रित करने पर प्रभाव पड़ेगा।श्री। कुंडु ने च को हाइलाइट किया।
अनुराग कुंडु अध्यक्ष, डीसीपीसीआर ने ध्यान दिया कि सही हितधारक या अभिनेताओं को एक मंच पर लाने तथा उनकी सामूहिक कार्रवाई से समुदाय में बाल यौन शोषण को नियंत्रित करने पर प्रभाव पड़ेगा।श्री कुंदू ने उन बच्चों पर प्रकाश डाला जो यौन अपराधों के शिकार हैं/बचे लोग हैं, उनकी मामले की जांच और प्रबंधन के दौरान विशेष देखभाल और ध्यान देने की जरूरत है।अंतिम सत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के माधु के. के. गर्ग सचिव ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को इन नोडल विभागों एवं कार्यकर्ताओं, डीसीपीसीआर, सीडब्ल्यूसीएस, सीएसओएस को अभिसरण बैठक के माध्यम से एक ही मंच पर लाने के प्रयास की अत्यंत प्रशंसा की।उन्होंने इस उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी सदस्यों की सक्रिय और सक्रिय भागीदारी की सराहना की।उन्होंने सभी से अपील की कि दिन के दौरान हुए विचार-विमर्श के माध्यम से निर्धारित समरूपता की कार्यसूची को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के व्यापक सहयोग के लिए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के बारे में अधिक जिम्मेदार तथा जवाबदेह बनाया जाए।उन्होंने बाल संरक्षण को बढ़ावा देने की पहल के लिए नाकग EVAC इंडिया को धन्यवाद दिया।दिल्ली में बच्चों के साथ यौन हिंसा का तुरंत संज्ञान लेने, जेजे एक्ट और पोस्को अधिनियम का वास्तविक भावना और सार के साथ प्रभावी कार्यान्वयन, ट्रायल एंड जेजे एक्ट और पोस्को एक्ट के कारगर कार्यान्वयन, परीक्षण तथा न्याय वितरण प्रणाली को तेजी से ट्रैक, मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक देखभाल तथा समर्थन करने की सलाह से कुछ प्रमुख सिफारिश की गई है।
अतिथि वक्ताओं में सुश्री निधि द्विवेदी (सदस्य, डीसीपीसीआर), श्री प्रेमोडे खाका (एएसएसटी निदेशक (सीपीएसटी), श्री मिखावल प्रधान (हेड एडवोकेशन, वर्ल्ड विज़न इंडिया), सुश्री ई. एम. ई. वाई. ए. Y नक्शी गांगुली (मानवाधिकार कार्यकर्ता और हक के सह-संस्थापक:बाल अधिकार केंद्र), वकील ने श्री पल्लवी शर्मा और ऐश्वर्या सिंह ने जस्टिस (सीएसजे), एम. एस. सक्षी चंद (सलाहकार बाल और किशोर मनोवैज्ञानिक), एम. एस. एम. अशोक कुमार सर (कार्यकारी निदेशक, ए. वी. बलीगा स्मारक ट्रस्ट) और श्री संजय गुप्ता (वाइस चेयरमैन, नैकग एवक इंडिया के कार्यक्रम समन्वयक), एम. एस. आई.।
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