किसान आंदोलन को 10 माह पूरे,
Ghaziabad : कब चेतेगी सरकार धीरे-धीरे, वक्त बीतता जा रहा, दस माह हो गए, किसान आंदोलन को चलते और कितना इंतजार बताओ तो सरकार, *मनजीत*
आजादी के बाद पहला बड़ा आंदोलन बना किसान आंदोलन, 10 माह बीत जाने के बाद भी चल रहा, पूरी दुनिया की निगाह किसान आंदोलन पर लगी है, मगर हमारी सरकार को ना तो किसान नजर आए ना उनकी तकलीफें ना उनकी मांगे,
तकलीफें सहकर भी किसान दिल्ली की सड़कों पर बैठे हैं 10 माह हो गए और कितना इंतजार, पूछ रहा हिंदुस्तान,
26 नवंबर 2020 से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर
आंदोलन कर रहे है, किसानों की सरकार से इस बीच 11 बार बातचीत का दौर चला बातचीत में सरकार ने माना कि हम कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार हैं मगर कानूनों को वापसी लेने मे रांजी नहीं, इस बात को समझ नहीं पा रहे कि यह कानून सरकार का कथन है कि इससे किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी और किसान यह कह रहे हैं इससे किसान गुलाम हो जाएगा और हमें आमदनी दुगनी नहीं चाहिए, कानून वापस होना चाहिए,
किसान अब फसल और नस्ल बचाने की लड़ाई लड़ रहा है,
किसानों की दृढ़ इच्छाशक्ति से किसान आंदोलन देशव्यापी ही नहीं पूरी दुनिया की नजर इस आंदोलन पर लगी है, कई देशों की संसद में किसान आंदोलन पर चर्चा की गई,
दूसरी तरफ भारत सरकार जिस तरह किसान आंदोलन पर चुप्पी साधे बैठी है उसी के चलते किसानों ने भी ऐलान कर दिया कानून वापसी नहीं घर वापसी नहीं, किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठ मौसम के साथ-साथ सरकारी उत्पीड़न का भी शिकार रहा, मगर किसी ने भी किसान ने यह नहीं कहा अब चलो
दूसरा लगभग 600 किसानों की शहादत हुई इस आंदोलन के चलते, किसान आंदोलन में पुरुषों के साथ-साथ माता बहने भी अब जिद कर ऐलान कर रही है कि कानून वापसी पर ही घर वापसी होगी
किसान अगर देश का पेट भरना जानता है, तो अपने लिए लड़ना भी जानता है
आंदोलन आज जो ऊंचाई छू रहा है शांत और इमानदारी से लड़ाई लड़ते 10 माह हो गए, एक बार कोई किसान आंदोलन पर उंगली नहीं उठा सका,
भले ही राहें कांटो से भरी हैं कांटो को हटा राह तैयार कर लेंगे
सरकार जागे ना जागे हम जगाते रहेंगे 10 माह तो क्या सालों साल इंतजार करते रहेंगे, किसान आंदोलन
दोस्तों सिर्फ किसान ही नहीं देश के 70% लोग पीड़ा झेल रहे हैं मगर सिर्फ किसान ही विरोध के लिए धरने पर बैठा है यह लड़ाई भूख की सम्मान की फसल और नस्ल बचाने की लड़ाई है सभी को किसानों के साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए धन्यवाद
*सरदार मनजीत सिंह*
*आध्यात्मिक एवं सामाजिक* *विचारक*
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