गाजियाबाद : कह तो देते हैं अच्छे और बुरे कर्मों का फल अवश्य मिलता है देर है अंधेर नहीं
अब बात आ जाती है कि इंसाफ मिलने में जब देरी हो जाती है तो गुनाह करने वाला और सहने वाला वक्त के साथ भूल जाते हैं देखता हूं कई बार इस जन्म के गुनाहों की सजा अगले जन्म मिलती है
एक खुजली वाले कुत्ते को देख सवाल आया कि इस जन्म में तो इसने कोई पाप किया नहीं होगा क्योंकि अभी छोटा था दूसरा कुत्ते की जून में गलत करता भी क्या
इसलिए इसे यह सजा पिछले जन्म के गुनाहों की मिली होगी
अब वह कुत्ते की जून में है कुत्ता क्या गुनाह करेगा जो उसे सजा मिली अब कुत्ते को पता नहीं कि मैं किस जन्म किस तरह के गुनाह की सजा भुगत रहा हूं
इसलिए परमात्मा बस एक विनती अरदास गुनाहों की सजा दे मगर उसी जन्म में दे जब गुनाह किया हो अब इंसान बनकर गुनाह करें तो कुत्ते की जून में आकर सजा क्यों भुगते
परमात्मा मेरी अरदास है विनती है सजा देने का या ना देने का फैसला उसी जून में हो जब गुनाह किया हो
तभी समाज में बदलाव आएगा तभी समाज में बदलाव आएगा
सरदार मनजीत सिंह
0 टिप्पणियाँ