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यह सम्मान मेरा नहीं पूरी कौम का है : जितेंद्र सिंह शंटी

गाजियाबाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार मंजीत सिंह खालसा हेल्प इंटरनेशनल के प्रधान गुरप्रीत सिंह रम्मी ने संयुक्त रुप से डॉक्टर पदम श्री पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह शंटी का स्वागत उनके ऑफिस में पहुंच किया


जितेंद्र सिंह शंटी ने कहा के यह सम्मान मेरा नहीं पूरी कौम का सम्मान है पूरी कौम का नाम ऊंचा हुआ है देश में कोरोना महामारी के चलते बहुत से लोग इस दुनिया को छोड़ कर चले गए ऐसा मंजर था जब कोई अपना भी अपना नहीं रहा था उस वक्त 4000 लोगों की लाशों को उठाना उनको अग्नि भेंट कर आना यह कार्य शहीद भगत सिंह सेवा दल ने किया बहुत सारे हादसे जो उस समय की जिंदगी में गुजरे उनके बारे में उन्होंने बताया कि किस तरह लोग दूर हो जाते थे अपने परिवार के किसी व्यक्ति की मौत पर

गाजियाबाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार मंजीत सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि बहुत ही सेवाएं हैं मगर जो जिम्मेदारी जो सेवा जितेंद्र सिंह शंटी जी ने संभाली उसका कोई मूल्य नहीं है पूरे परिवार को कोरोनावायरस हो गया मगर फिर भी लोगों की मदद सेवा में तत्पर रहें आज सरकार ने उन्हें पदम श्री से सम्मानित किया है अवार्ड दिया है यह सिर्फ जितेंद्र सिंह शंटी का स्वागत नहीं पूरी सिख कौम का स्वागत है पूरी सिख कौम को सम्मानित किया गया है उनके ऊपर लिखी एक ग़ज़ल को भी वहां मनजीत सिंह द्वारा सुनाया गया

खालसा हेल्प इंटरनेशनल के प्रधान गुरप्रीत सिंह रम्मी ने अपने विचारों में जितेंद्र सिंह शंटी की तारीफ करते हुए उन्हें अपना आदर्श बताया और उन्हीं से प्रेरणा लेकर मैंने जिंदगी में समाज सेवा का जिम्मा संभाला कोरोना कार्यकाल में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए ऑक्सीजन का लंगर लगाने का काम किया बहुत से लोगों के बीच उनके जान बचाने का कार्य भी हुआ


इस मौके पर रूपेंद्र सिंह स्वीटी कंवलजीत सिंह सिक्का यशपाल चड्ढा वोविन जगमीत सिंह मुख्य रूप से साथ थे

कुछ लोगों की सेवा देख उन्हें दिल से सलाम करता हूं *सरदार मनजीत सिंह* 



कुछ लोगों की सेवा देख उन्हें दिल से सलाम करता हूं,

कहीं ना कहीं उनके लिए लंबी उम्र की दुआ करता हूं


वक्त तो बीत जाता है यादें हमेशा याद रहती हैं,

कौन-कौन उठ कर आया, कौन-कौन साथ चला था


जब अपने साथ छोड़ गए और ना किसी ने हाथ बढ़ाया था,

उस वक्त कुछ लोग ही थे जो फरिश्ते बन उतर आए थे


जन-जन में गया संदेश हर किसी की मदद को आए थे,

कोई हिंदू मुसलमान नहीं इंसानियत का रिश्ता जोड़ने आए थे


या खुदा कभी फिर हमारे बीच ऐसा मंजर ना आए,

आ जाए तो *शंटी* जैसे वीर योद्धा बन बन लोग उतर आए


 *सरदार मनजीत सिंह* 

 *प्रधान गाजियाबाद सिख* *गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी*



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