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पार्टी को रसातल में पहुंचाने के लिए लगे हैं, एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष, गुटबाजी हावी पार्टी के मिशन को लग रहा पलीता

गाजियाबाद : राजनीतिक विश्लेषक ताहिरअली :मिशन 2022 को फतेह करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है पहली बार यूपी फतेह करने निकली एआई एम आई एम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन जिनको संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह लोग ही संगठन को मजबूत करने के बजाए लगे हैं अपनी हिटलर शाही चलाते हुए पार्टी के मिशन को पलीता लगाने में लगे हैं जानकारी में आया है की ऐसा ही कुछ हाल गाजियाबाद की जिला इकाई में दिखाई दे रहा है पार्टी के जिला अध्यक्ष परवेज पाशा पार्टीको को जोड़ने के बजाए तोड़ने में लगे हैं कार्यकर्ताओं का पार्टी में लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है इसी कारण अब तक सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं और अन्य कार्यकर्ता भी जिलाध्यक्ष की मनमानी के कारण पार्टी छोड़ने का मन बना रहे हैं अब सवाल यह उठता है


 की इन हालातों में पार्टी कैसे मजबूत होने के साथ ही अपना मिशन पूरा कर पाएगी जहां संगठन को जोड़ने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष पर होती है यहां तो सब उल्टा ही दिखाई दे रहा है सबसे अधिक घमासान लोनी विधानसभा क्षेत्र में मचा है वह है मचा हुआ है यहां से डॉक्टर महताब अली विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन मेहताब अली जिला अध्यक्ष की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं जिला अध्यक्ष दावेदार मानने की बजाय अन्य किसी को चुनाव लड़ाने की अंदर खाने तैयारी कर रहे हैं जानकारी में आया है कि जिला अध्यक्ष मेहताब के दावेदारी करने से अंदर खाने खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं उनके सामने उन्होंने अन्य दावेदार भी खड़े कर दिए हैं इसी कारण से अब जिला संगठन में फूड साफ नजर आ रही है जानकारी में आया है कि मेहताब अली की और से दिसंबर माह में एक सभा लोनी में कराई गई थी जिसमें संगठन के प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए थे प्रोटोकॉल के अनुसार सभा में जिला अध्यक्ष को भी उपस्थित होना चाहिए लेकिन जिला अध्यक्ष इस सभा में खुद नहीं पहुंचे इसके साथ ही पार्टी के अन्य लोगों को भी वहां जाने से रोका जिससे पार्टी की फूड पूरी तरह से साफ नजर आई उसके बाद 26 दिसंबर को लोनी के इकराम नगर में पार्टी के दावेदार महताब अली की ओर से एक सभा रखी गई थी उसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली प्रदेश संगठन मंत्री इकबाल व प्रदेश प्रभारी जुनेद अली और वेस्ट यूपी प्रभारी मेहताब चौहान ने शिरकत की थी जानकारी में आया है कि इस सभा में भी जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यकर्ताओं से अंदर खाने ने पहुंचने की कहा गया था लेकिन जिला अध्यक्ष प्रदेश आलाकमान द्वारा फटकार लगाए जाने के कारण 26 दिसंबर की सभा में शामिल हुए इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जिला अध्यक्ष के खिलाफ नाराजगी देखी गई कार्यकर्ताओं ने सवाल भी जिलाध्यक्ष से किया की जब पहली मीटिंग में उन्होंने कार्यकर्ताओं को आने के लिए मना किया था फिर दूसरी सभा में जिला अध्यक्ष कैसे शामिल हुए जिला अध्यक्ष अपनी हिटलर शाही के चलते कार्यकर्ताओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं लोनी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष सिराजुद्दीन ने तो जिला अध्यक्ष से सीधा सवाल किया की जिला अध्यक्ष यह बताएं कि वह संगठन को मजबूत करने के लिए जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं या कमजोर करने के लिए इससे लोगों में पार्टी के प्रति गलत संदेश जा रहा है और साथ ही निष्ठावान कार्यकर्ताओं का भी मनोबल टूट रहा है जिलाध्यक्ष की मनमानी का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी दलित जिलाध्यक्ष को हटाने के लिए जिला अध्यक्ष परवेज पाशा ने अपने प्रभाव के चलते पूरी युवा कमेटी ही भंग करा दी थी जबकि कई साल से युवा के जिलाध्यक्ष रमेश बाबू पूरी मेहनत के साथ पार्टी के लिए कार्य कर रहे थे लेकिन जिलाध्यक्ष ने अपनी हिटलर शाही का परिचय देते हुए रमेश बाबू को पद से हटवा दिया जिस कारण उन्हें पार्टी छोड़ने को मजबूर होना पड़ा इससे पहले भी जिलाध्यक्ष परवेज पाशा महानगर अध्यक्ष गाजियाबाद को भी हटाकर पार्टी में कुछ दिन पहले ही शामिल हुए एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति को गाजियाबाद का महानगर अध्यक्ष बनवा कर अपनी मनमानी का सबूत दे चुके हैं जिलाध्यक्ष के खिलाफ कार्यकर्ताओं द्वारा दर्जनों बार प्रदेश प्रदेश संगठन को शिकायतें की जा चुकी है लेकिन प्रदेश संगठन ने अभी तक जिला अध्यक्ष परवेज पाशा के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है इस कारण भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है इसके अलावा अब लोनी में दावेदारी को लेकर घमासान मचा हुआ है और मजबूत दावेदार मेहताब अली के सामने जिला अध्यक्ष नया दावेदार खड़ा करने की तैयारी में लगे हुए हैं इसी कारण पार्टी की फूट उजागर हो रही है जानकारी में यह भी आया है की जिलाध्यक्ष ने कुछ नए लोगों को भी संगठन में जिम्मेदारी दी है इनकी छवि समाज में साफ नहीं है इस कारण भी पार्टी कार्यकर्ताओं में जिला अध्यक्ष के खिलाफ रोष व्याप्त हो रहा है जहां एक तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं और प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन संगठन में फुट पूरी तरह तरह उजागर हो रही है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे जिलाध्यक्ष के रहते मिशन 2022 फतेह हो पाएगा इससे भी बढ़कर बात यह है कि जिले में संगठन अधिकतर हवा हवाई ही नजर आ रहा है लोनी क्षेत्र के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का संगठन हाशिए पर चल रहा है ऐसे हालातों में पार्टी की नैया कैसे पार लग पाएगी कौन है परवेज पाशा परवेज पाशा पेश से बिल्डर है और उन्होंने अब तक अपना जिला कार्यालय गाजियाबाद में नहीं बनाया है पार्टी का कार्यालय उनके प्रॉपर्टी के डीएलएफ स्थित कार्यालय से ही चल रहा है आपको बता दें की सन 2017 में परवेज पाशा को पार्टी ने साहिबाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन परवेज पाशा पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ पाए इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं तेज हुई थी जानकारी मैं आया है की किसी किसी अन्य प्रत्याशी के दबाव के कारण वह चुनाव मैदान से हट गए थे लेन देन को लेकर भी वह चर्चा में आए थे इसके अलावा जिला अध्यक्ष पर हजार रुपए की रसीद काटकर जिला कमेटी में पार्टी पदाधिकारी बनाने का भी आरोप लगा था इसको लेकर भी पार्टी में काफी घमासान मचा था पार्टी कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि जिला अध्यक्ष का पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बर्ताव ठीक नहीं है वह कई बार पार्टी कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार वह गाली गलौज भी कर चुके हैं उसके बाद भी पार्टी प्रदेश आलाकमान उनके खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाया है पार्टी कार्यकर्ता निगम चुनाव में टिकट बेचने का भी उन पर आरोप लगा चुके हैं ऐसे जिला अध्यक्ष के रहते जिले में पार्टी संगठन की पूरी किरकिरी हो रही है और पार्टी आलाकमान कार्यवाही नेकर मौन साधे बैठा है जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अध्यक्ष को हटाने की कई बार मांग उठ चुकी है लेकिन अभी तक जिला अध्यक्ष अपने पद पर काबि ज है कौन बचा रहा है जिलाध्यक्ष को जिला अध्यक्ष परवेज पाशा द्वारा हिटलर शाही चलाने के साथ ही कार्यकर्ताओं के का उत्पीड़न करने के बाद भी कोई कार्यवाही ने जानकारी होना प्रदेश संगठन पर सवाल खड़े कर रहा है जानकारी में आया है कि परवेज पाशा की मनमानी प्रदेश संगठन के पदाधिकारी के कारण चल रही है जानकारी में यह भी आया है की पार्टी के प्रमुख महासचिव शमीम अहमद तुर्क एडवोकेट जिला अध्यक्ष परवेज पाशा के करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं माना यही जा रहा है कि इसी कारण से प्रदेश संगठन जिला अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है यहां संगठन को दरकिनार कर रिश्तेदारी का खेल खेला जा रहा है जिससे लगातार पार्टी जिले में कमजोर हो रही है कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि रिश्तेदारी से बड़ी पार्टी की एकजुटता होती है यदि इसी तरह से रिश्तेदारी निभाई जाएगी और जिलाध्यक्ष की गलतियों पर पर्दा डाला जाएगा तो संगठन जहां कमजोर होगा वही पार्टी का मिशन पूरा होना आसान नहीं है

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