मेरा वोट कांग्रेस को क्योंकि.... शीर्षक बुकलेट में लगाया गया है सपा पर मुसलमानों को ठगने का आरोप
ग़ाज़ियाबाद : अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने सपा पर मुसलमानों को ठगने के आरोपों की झड़ी लगाते हुए एक बूकलेट जारी किया है। लोनी से कांग्रेस प्रत्याशी और अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष यामीन मलिक के चुनावी कार्यालय पर 'मेरा वोट कांग्रेस को क्योंकि.....'प्रेस कांफ्रेंस कर जारी किया गया।
20 पेज की बुकलेट में कांग्रेस द्वारा अल्पसंख्यक समाज के विकास और सत्ता में भागीदारी के लिए किये गए कार्यों के विवरण के साथ ही सपा पर मुसलमानों से वोट ले ठगने और सिर्फ़ एक जाति के लोगों को ही आगे बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि कांग्रेस ने असम, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, पांडिचेरी, कश्मीर में मुस्लिम मुख्यमन्त्री बनाये जबकि सपा ने सिर्फ़ मुसलमानों से वोट लिया कभी उप मुख्यमंत्री भी नहीं बनाया।
*सैफई कुनबे को पसंद नहीं मुसलमान* वाले शीर्षक में नामों के साथ बताया गया है कि पिछली सपा सरकार में मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव, सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव, अखिलेश यादव सांसद भाई धर्मेंद्र यादव, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव के नाती, मुलायम सिंह यादव के भतीजे सांसद अक्षय यादव के कुल 40 सचिवों, प्रमुख सचिवों, निजि सचिवों, ओएसडी और प्रतिनिधियों में एक भी मुस्लिम नहीं था।
*वो वोट लेते हैं, देते नहीं हैं* शीर्षक में बताया गया है कि पिछले विधान सभा और 2014 और 2019 लोक सभा चुनावों में अखिलेश यादव के सजातीय वोटरों ने अपने ही मुस्लिम प्रत्याशियों को वोट नहीं दिया। बल्कि भाजपा के सजातीय प्रत्याशी को वोट दिया।
*ये रिश्ता क्या कहलाता है* शीर्षक वाले पन्ने पर कभी योगी के क़रीबी रहे हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह का सपा में शामिल होते हुए अखिलेश यादव के साथ फोटो है। गौरतलब है कि सुनील सिंह का एक पुराना वीडियो वाइरल है जिसमें वो मुस्लिम महिलाओं को क़ब्रों से निकाल कर उनकी कंकालों से बलात्कार करने का आहवान कर रहे हैं। वहीं मायावती द्वारा आरएसएस के एक आश्रम को 10 लाख रूपये देने की खबर की पेपर कटिंग भी लगा कर मुसलमानों से बसपा से दूरी बनाने की अपील की गयी है।
*अखिलेश यादव सरकार.... जातिवाद की इंतेहा* शीर्षक से बताया गया है कि कैसे सपा शासन में 86 में से 56 एक ही बिरादरी के लोग एसडीएम बनते थे। 1447 थानों में 80 फीसदी थानेदार एक ही जाति के होते थे। जिनकी अपनी आबादी 5 प्रतिशत है। वहीं 20 फीसदी आबादी वाले मुस्लिम समाज को सिर्फ़ ई रिक्शा दिया गया था।
उर्दू को कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार द्वारा 8 अकटूबर 1989 को राज्य का दूसरा राज भाषा के दर्जा दिये जाने का ज़िक्र है। बुनकर और क़ुरैशी समेत पासमांदा मुसलमानों पर विशेष फोकस किया गया है। गौरतलब है अल्पसंख्यक कांग्रेस अंसारी, क़ुरैशी, रंगरेज़, भिष्ती, अब्बासी, मंसूरी, इदरीसी, तेली मलिक, फकीर शाह अल्वी तबक़ों में काफी सक्रिय रही है।
*सच्चर कमेटी और रंगनाथ कमिशन की सिफारिशों की विरोधी हैं सपा- बसपा* शीर्षक में बताया गया है कि सच्चर कमेटी की 76 में से 72 सिफारिशों को केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने मान कर अमल करना शुरू कर दिया था। जिसके कारण केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागिदारी 2006-07 में 6.93 थी जो बढ़ कर 2010-11 में 10.18 फीसदी हो गयी। बुकलेट में बताया गया है कि मनमोहन सिंह सरकार ने पिछड़ों को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण में से 10 प्रतिशत पिछड़े मुसलमानों के लिए निर्धारित करने की योजना बनाई थी लेकिन मुलायम सिंह यादव ने संसद में इसका विरोध किया था। यह भी बताया गया है कि सपा और बसपा सरकारों ने जानबूझ कर सच्चर कमेटी की सिफारिशों को यूपी में लागू नहीं किया क्योंकि इससे कांग्रेस को फायेदा हो जाता।
*डट कर खड़ी रहीं प्रियंका* शीर्षक वाले पन्ने पर सीएए-एनआरसी विरोधी हिंसा में मारे गए लोगों के बीच आजमगढ़, लखनऊ, बिजनौर, मेरठ में प्रियंका गांधी के दौरे की तस्वीरें हैं।
बुकलेट जारी करने के कार्यक्रम में कांग्रेस लोनी विधानसभा 53 कांग्रेस प्रत्याशी यामीन मलिक, अल्पसंख्यक राष्ट्रीय सचिव अकरम अंसारी ,उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक महासचिव अकबर चौधरी ,उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस सचिव एडवोकेट अफराहम खान, अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद खालिद अल्पसंख्यक लोनी नगर अध्यक्ष जमील मलिक आदि कांग्रेसी मौजूद रहे
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