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विवेक पुंडीर ने यूपीएससी-आईईएस परीक्षा में हासिल की 21 वीं रैंक, गुलमोहर में हर्ष का माहौल

 एक और होनहार ने किया गुलमोहर एन्क्लेव का नाम रोशन



गाजियाबाद। मंजिल वो ही पाते हैं जिनके दिलों में कुछ कर गुजरने का हौंसला होता है। ऐसे ही एक होनहार ने गुलमोहर एन्क्लेव का नाम रोशन किया है। गुलमोहर के सी-1/203 में रहने वाले विवेक पुंडीर ने यूपीएससी आईईएस की परीक्षा में ऑल इंडिया 21 रैंक हासिल की है। विवेक की सफलता की जानकारी मिलते ही गुलमोहर एन्क्लेव में हर्ष की लहर दौड़ गई और मिठाई भी बाँटी गईं।

     गुलमोहर निवासी विवेक पुंडीर ने आईईएस की परीक्षा में पूरे भारत में 21 वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता सहित पूरे गुलमोहर एन्क्लेव का नाम भी रोशन कर दिया है। विवेक के पिता राज सिंह मेरठ विकास प्राधिकरण में बतौर अंवर अभियंता तैनात हैं, जबकि उनकी माता राजकुमारी देवी एक साधारण गृहिणी हैं। अपनी शैक्षिक सफर की शुरुआत के बारे में बात करते हुए विवेक ने बताया कि उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा सन 2010 में चौ. छबील दास पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की थी। सन 2012 में उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल गाजियाबाद से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद थापर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेकर विवेक ने बीटेक की परीक्षा मैकेनिकल ब्रांच से पूरी की। विवेक ने बताया कि उनका सपना भारतीय अभियांत्रिकी सेवाओं में जाने का था जिसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की। उन्होंने बताया कि आईईएस के लिए जुलाई 2021 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में उन्होंने भाग लिया था। इसके बाद नवम्बर 2021 में आयोजित मुख्य परीक्षा में भाग लेकर  वो उत्तीर्ण हुए। इसके बाद उनका चयन इंटरव्यू के लिए हुआ। 8 मार्च 2022 को आयोजित इंटरव्यू में उन्होंने भाग लिया। जिसका परिणाम विगत 28 मार्च को घोषित हुआ और उनका चयन आईईएस के लिए हो गया। यह खबर मिलते ही पूरे गुलमोहर में खुशी का माहौल है। सोसायटी के सभी लोग विवेक को बधाई देने उनके घर पहुंच रहे हैं। विवेक ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

       सोसायटी आरडब्लयूए के अध्यक्ष मनवीर चौधरी ने कहा कि विवेक ने अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपनी मेहनत से पूरी सोसायटी के सिर फक्र से ऊंचा करवा दीया है। वहीं मीडिया प्रभारी गौरव बंसल ने कहा कि सोसायटी के सभी बच्चों को भी विवेक से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। मेहनत के दम पर अपनी मंजिल को पाया जा सकता है।

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