भारत के न्यायमूर्ति दलवीर सिंह को 193 मतों में से 183 मत मिले (प्रत्येक देश से एक प्रतिनिधित्व) और उन्होंने ब्रिटेन के न्यायमूर्ति क्रिस्टोफर ग्रीनवुड को हराया। उन्होंने इस पद पर 71 साल पुराने ब्रिटिश एकाधिकार को तोड़ा।
इसके लिए पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय पिछले 6 महीने से काम कर रहे हैं! सभी 193 देशों के प्रतिनिधियों तक पहुंचना और ब्रिटिश उम्मीदवार पर भारत की स्थिति की व्याख्या करना एक कठिन काम था, जो उन्हें आसानी से जीतना सुनिश्चित था। 11 राउंड के वोटिंग में जस्टिस दलवीर भंडारी को महासभा में 193 में से 183 वोट मिले और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से सभी 15 वोट मिले।
जस्टिस दलवीर भंडारी 9 साल के कार्यकाल के लिए इस पद पर रहेंगे। क्या ये 183 देश "अंधे मोदी भक्त" भारत के लिए मतदान कर रहे हैं! आजादी के 70 साल बाद हमारे पीएम मोदी जी ने दुनिया भर के देशों के साथ कितने विनम्र, सम्मानजनक और महान संबंध बनाए हैं, इसका यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
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