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इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त आदेश कहा रितु माहेश्वरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में करो पेश

IAS रितु माहेश्वरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी


 
हाईकोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण की CEO ऋतु महेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का पर्याप्त आधार है। गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ( CJM ) इसका पालन करवाएंगे। 48 घंटों के भीतर इस आदेश की प्रतिलिपि गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को उपलब्ध करवाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 13 मई 2022 को होगी। उस दिन नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को पुलिस कस्टडी में अदालत के सामने पेश करेगी।

लखनऊ। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी एकाएक संकट में आ गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में आईएएस माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी की है। गौतमबुद्ध नगर के सीजेएम को आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि रितु माहेश्वरी को अरेस्ट कर हाईकोर्ट में पेश किया जाए। इस प्रकरण में अगली सुनवाई 13 मई को होगी। सेक्टर-82 नोएडा में 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लॉज के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण किया गया था।


 
अधिग्रहण की कार्रवाई नोएडा प्राधिकरण ने की थी। भू-स्वामी मनोरमा कुच्छल ने इस कार्रवाई को चुनौती दी थी। वर्ष 1990 में मनोरमा ने याचिका दायर की थी। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत किए गए भू-अधिग्रहण को निरस्त कर दिया था। याचिका कर्ता को नए भू- अधिग्रहण अधिनियम के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंक कर भरपाई करने का आदेश नोएडा प्राधिकरण को मिला था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। देश की शीर्ष अदालत में प्राधिकरण को मुंह की खानी पड़ी थी। इसके बाद भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुराने आदेश का पालन नहीं किया गया। ऐसे में याचिका कर्ता मनोरमा ने नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। इस अवमानना याचिका पर सुनवाई कर 27 अप्रैल 2022 को कोर्ट ने आदेश पारित किए। इसके बाद मामले की सुनवाई पहले बुधवार और फिर गुरुवार को होना तय हुई। जस्टिस सरल श्रीवास्तव की कोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी की है।


 
कोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया। जिसके खिलाफ किसान की तरफ से अवमानना याचिका दायर की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने रिते माहेश्वरी को खुद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था। इस प्रकरण में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सीईओ पेश नहीं हो सकीं। ऐसे में कोर्ट ने सख्त रुख अपना कर सीईओ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कियसा है।

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