कार्यक्रम का उदघाटन वरिष्ठ भाजपा नेता राकेश गांगुली ने तथा दीप प्रज्जवलित एमबीबीएस (इएनटी) डा0 सत्यदेव द्वारा किया गया। माॅ सरस्वती को माल्यापर्ण पूर्व उपाध्यक्ष नगरपालिका के रामनाथ धीमान ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कन्नौज के उपजिलाधिकारी राकेश त्यागी ने की। कार्यक्रम का शुभांभ मनीषा शुक्ला की सरस्वती वन्दना से किया गया।
कार्यक्रम में अपना काव्यपाठ करते हुए लखनऊ से आयी कवयित्री व्याख्या मिश्रा ने करते हुऐ सुनाया कि जो अपने बाहुबल में इतना ना जतन ला सके थे सर्वजीत को भी जिन्दा रहते, ना वतन ला सके थे माटी के सम्मान का हमे चन्दन लाकर दिखा दिया नो दिन में ही भारत का अभिनदंन लाकर दिखा दिया।
गाजीपुर से आयी कवयित्री रश्मि शाक्य ने कुछ इस प्रकार कहा कि भले लहजे से जाहिर गम नही है। मगर गम अब भी उतना कम नही है।। जमाने में कुछ ऐसे जख्म भी है। कि जिनका अब तलक मरहम नही है।।
नोएडा से आयी कवयित्री पल्लवी त्रिपाठी ने सुनाया कि दीया वो ही, जो आंधी से उलझने का हुनर जाने लिख तकदीर का भी जो बदलने का हुनर जाने है। रास्ते सब के पर वो ही मंजिल पहुंचते है जो हर ठोकर रूकावट पर सम्भालने का हुनर जाने।
दिल्ली से पधारी रजनी सिंह अवनि ने अपना काव्य पाठ करते हुए सुनाया कि नयन कोर पर हो जब आंसू तथा मुस्काना मुश्किल है जीवन में हर एक पल निश्छल प्रेम को पाना मुश्किल है। मनीषा शुक्ला दिल्ली ने सुनाया कि रहे खामोश राही, काफिला सच बोल देता है। सदा मंजिल पे आके रास्ता सच बोल देता है। मेरठ से आये डा0 शुभम त्यागी ने सुनाया कि मैं आजादी की चिंगारी शहर मेरठ से आयी हूँ। मोहब्बल की में बदली हूँ मैं दिवानो पर छाई हूँ। शुभम है नाम मेरा में मोहब्बत की पुजारन हूँ गुलाबो सी महक वाली कविता संग लाई हूँ। इनके अलावा निधि पाखी, सरला मिश्रा, प्रीति त्रिपाठी, पावनी ने अपना काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में सभी कवयित्रयों को बाण स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी दीपक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी, कोतवाली प्रभारी प्रभाकर कैन्तुरा, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, राजकिशोर गुप्ता, पंकज गुप्ता, मनोज सिंघल, आलोक खटीक, राखी, आदेश चैहान, अरवन्दि धीमान, योगेन्द्र सुन्दरियाल, आदि शामिल रहे। कार्यक्रम के संयोजक गौरव विवेक पवन धीमान ने सभी आगन्तुको का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अन्त में शुभम त्यागी का जन्मदिन बडी धुमधाम से मनाया गया।
0 टिप्पणियाँ