गाजियाबाद:- साहिबाबाद क्षेत्र में आए दिन विद्युत विभाग के अधिकारियों की खामियां सामने आती ही रहती हैं जिसका शिकार आम जनता को होना पड़ रहा है क्योंकि हर बार गर्मी के सीजन से पहले पूरे क्षेत्र में हर वर्ष एक सर्वे कराया जाता है कि कहां पर और किस ट्रांसफार्मर पर कितना लोड चल रहा है जिससे यह स्पष्ट हो सके की क्षेत्र में किस-किस ट्रांसफार्मर पर ओवरलोड है और खंभों पर लगे तार गर्मियों में लाइट आपूर्ति के लिए क्षमता योग्य है या नहीं जिसके बाद गर्मी आने से पहले उन कमियों को सुधारा जा सके। परंतु अपने लालच के चक्कर में अधिकारी फॉर्मेलिटी पूरी कर गर्मियों में आम जनता को गड्ढे में धकेलने का काम करते हैं जिस का नजारा आए दिन कोयल एनक्लेव बिजलीघर क्षेत्र गगन विहार ,तुलसी निकेतन, हर्ष विहार ,और राजीव नगर जैसी कॉलोनियों में देखने को मिल जाता है
वही लोगों से मिली जानकारी के अनुसार आए दिन घंटो - घंटो गर्मियों के सीजन में बत्ती गुल हो जाती है और अधिकारी अपने एसी वाले ऑफिस में बैठकर लंबी लंबी बातें करते हैं और आम जनता को गर्मियों में मुसीबत का सामना करना पड़ता है
ऐसा ही एक और ताजा मामला सामने आया है आपको बताते चलें डिवीजन चार राजेंद्र नगर बिजली घर अंतर्गत आने वाले कोयल एनक्लेव बिजलीघर क्षेत्र हर्ष विहार सेकंड कोयल एनक्लेव पार्क के पास रखें नए ट्रांसफार्मर मे ओवरलोड होने के कारण भयंकर आग लग गई और आग इतनी तेजी से लगी कि पास में रहने वाले लोगों के होश उड़ गए और ट्रांसफार्मर से कुछ दूरी पर बनी एक झुग्गियों को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया जिसे आप फोटो में साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस प्रकार ट्रांसफार्मर में धू-धू कर आग लग रही है यह वह क्षेत्र है जहां पर अधिशासी अभियंता राजीव आर्य के द्वारा आए दिन धड़ल्ले से फैक्ट्री मालिकों को कनेक्शन मुहैया कराए जाते हैं और खुलेआम अपने से नीचे बैठे अधिकारियों के बिना साइन करें अपनी आईडी से लोड बढ़ा दिए जाते हैं जिसका आलम यह है की फैक्ट्री वालों की वजह से आम जनता की जिंदगी को कुएं में धकेलने का काम विद्युत विभाग के अधिकारी कर रहे हैं
वही कुछ अधिकारी तो डिवीजन मे एसी वाले कमरों में बैठकर विद्युत आपूर्ति को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते भी आए दिन नजर आते हैं जिनकी पोल आए दिन ट्रांसफार्मर और खंभों पर लगे तारों से खुलती नजर आ रही है वैसे यह वह डिवीजन है जहां पर दाम के नाम पर हर उस काम को अंजाम दिया जाता है जो नामुमकिन होने के बाद भी मुमकिन हो जाता है वैसे पूरे मामले की शिकायत शासन स्तर पर की जा रही है अब देखने वाली बात यह होगी की विद्युत विभाग के उच्च अधिकारी आम जनता को गर्मियों से बचा पाते हैं या नहीं
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