इस अवसर पर संस्था के स्टेट प्रेसिडेंट हरद्वारी लाल, उपाध्यक्ष कुसुम चौधरी सहित संस्था के अन्य पदाधिकारियों ने मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए 19 ऐसे स्कूलों की सूची दी है जो जिले में बिना मान्यता के चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक तरफ सरकार नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलावों के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ठीक प्रशासन के नाक के नीचे जिले भर में सैकड़ों स्कूल चल रहे हैं, जिनके पास शिक्षा विभाग से कोई मान्यता नहीं है व सुरक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी नियम ताक पर रखे हुए हैं। संस्था की उपाध्यक्ष कुसुम चौधरी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गैर कानूनी रूप से चल रहे स्कूलों में लाखों बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। शिक्षा के नाम पर 10 वी और 12 वी पास टीचर्स रखे गए हैं। ऐसी परिस्थिति में उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा इस बात की चिंता शिक्षा विभाग को भी करनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए ऐसे स्कूलों को बंद करवाना चाहिए।ज्ञापन में बताया गया है कि ऐसे स्कूलों के पास फायर Safety Certificate, Health and Hygiene Certificate, Building Safety Certificate, Affiliation आदि कुछ भी नहीं है और इन स्कूलों में शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का कोई भी पालन नहिं हो रहा.. "जानकारी मिली है जल्द ही ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करते हुए इन्हें बंद कराया जाएगा।" गौतम कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पलवल।
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