गाजियाबाद दुहाई स्थित आेएमआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में बीएड कॉलेज के तत्वाधान में नई शिक्षा नीति 2020 पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में एम एम एच कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ आर एस त्यागी ने बोलते हुए कहा कि, इसका सबसे पहला लाभ तो यही है की आज की शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सभी खामियों को हटाने का प्रयास किया है। नई नीति के तहत इसे उत्कृष्ट और सार्वभौमिक बनाने पर ध्यान दिया गया है।
आईएएमआर के सचिव श्री संजय बंसल जी ने कहा कि,
“शिक्षा ” व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए ये ज़रूरी है की शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए वक्त के साथ शिक्षा नीति में भी बदलाव किया जाता रहे।
संयुक्त सचिव श्रीमती अंशु बंसल जी ने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए कहा कि, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 – नई शिक्षा नीति भी समय की मांग और जरुरत के हिसाब से देश की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के लिए लाई गयी है।
समूह निदेशक डॉ पीके वशिष्ट ने ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, शिक्षा नीति में बदलाव 34 वर्ष बाद हुआ है। इस से पहले सं०1968 और सं०1986 के बाद ये तीसरी बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है । नई शिक्षा नीति का मसौदा इसरो प्रमुख रह चुके “डॉ० के० कस्तूरीरंगन” की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। पूर्णरूपेण सकारात्मक और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने वाला है।
बीएड कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ डीके झा ने कहा कि, नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है। इस नीति के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा नीति तक में बदलाव किया गया है।
दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता श्री लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ सुरेंद्र महतो ने वक्तव्य देते हुए कहा कि, इस नयी एजुकेशन पालिसी के तहत छात्रों के ज्ञान के साथ साथ उनके स्वास्थ्य और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य कार्ड भी बनाये जाएंगे। नियमित रूप से छात्रों की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था भी सम्मिलित है।
सेमिनार में अतिथि वक्ता के रूप में कई प्रबुद्ध लोगों ने वक्तव्य दिया और नई शिक्षा नीति के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक किया। इनमें मुख्य रूप से डॉ. दीपिका आईटीईआरसी इंस्टिट्यूट, डॉ दिवाकर शर्मा, प्रधानाचार्य, मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन, डॉ मंजय पायल, प्रधानाचार्य, आईएमआर, इंस्टिट्यूट के साथ-साथ आईएएमआर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस से डॉक्टर प्रिया डॉक्टर नरेंद्र पाल डॉ ज्योति सिंह और डॉ प्रदीप शर्मा की भूमिका सराहनीय रही।
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