जीपीए के 10 % फीस वृद्धि के निर्णय को वापस लेने के पत्र का बाल आयोग ने लिया सज्ञान ।
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने अभी कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों को लगभग 10% फीस वृद्धि करने के आदेश को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सोपा था ज्ञापन के माध्य्म से राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया था की पिछले लगभग 2 साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वैश्विक महामारी के कारण प्रदेश के लाखों अभिभावको की नोकरी छूट गई , रोजगार बंद हो गये है और अभी तक पेरेंट्स के काम रोजगार मूलरूप से पटरी पर नही लोटे है कोविड की असाधरण परिस्तिथियों और अभिभावको की आर्थिक हालत को मध्यनजर रखते हुये प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अराधना शुक्ला जी द्वारा चुनाव से पूर्व दिनाँक 7-01-2022 को प्रदेश के समस्त शिक्षा बोर्डो के विद्यालयों द्वारा शिक्षा सत्र 2022-23 में फीस वृद्धि नही करने का आदेश पारित किया गया था लेकिन चुनाव के समाप्त होते ही कोरोना की स्थिति को साधरण मानकर अपर मुख्य सचिव द्वारा दिनाँक 8-04-2022 को प्रदेश के समस्त बोर्डो के समस्त विद्यालयो को उपभोक्ता सूचकांक +5% लगभग 10 % फीस वृद्धि का आदेश पारित किया था प्रदेश के अभिभावको पर शिक्षा सत्र 2022-23 में 10% फीस वृद्धि का अतिरिक्त बोझ ना पड़े इसलिये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा बाल आयोग सहित उत्तर प्रदेश सरकार से लगभग 10 % फीस वृद्धि के निर्णय को वापस लेने की अपील की गई थी हालांकि इस पत्र का प्रदेश सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक जबाब नही आया लेकिन राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग ने जीपीए के पत्र का सज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी को अपने स्तर पर निर्णय लेकर शिकायतकर्ता को सूचित करने के लिए पत्र लिखा है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि बाल आयोग द्वारा जीपीए के पत्र पर सकरात्मकता दिखाई गई है अब देखना यह है कि जिलाधिकारी महोदय बाल आयोग के पत्र पर गंभीरता दिखाते हुये एवम जिले के अभिभावको की पीड़ा को समझते हुये पेरेंट्स के हित मे शिक्षा सत्र 2022-23 में लगभग 10% फीस वृद्धि के आदेश पर राहत देने के लिये कोई संतोषजनक निर्णय ले पाते है अथवा नही । जिले के अभिभावको को उम्मीद है कि जिलाधिकारी अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुये पेरेंट्स को निश्चित तौर पर राहत प्रदान करेंगे
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