बताया जा रहा है कि एक गाय कि हत्या का वीडियो भी है, जिसके आधार पर पशुओ के अधिकार की ngo पी. फ. ए. की चेयरपर्सन एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी से शिकायत दर्ज की गई है। वीडियो वार्ड - 48 मिर्जापुर के पार्षद आसिफ खान के पास है, जिसे उन्होने अभी तक गुप्त रखा है, बता दे कि सिद्धार्थ विहार मे इस साल अभी तक सात-आठ बार गऊकशी की घटनाएं सामने आ चुकी है। यही पर कारकस प्लांट है। आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारीयों से कारकस प्लांट के ठेकेदार की मिलीभगत से यहाँ लगातार गऊवंशीयों की हत्या की जा रही है। शिकायतकर्ता ने बताया कि एक ग्रुप आटे की लोई में जहर देता है तो दूसरा ग्रुप इंजेक्शन लगा गोवंशी को बेहोश कर देता है। हालाकि इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों ने जानकारी होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी। पशु प्रेमी रविंद्र आर्य द्वारा पीपल फॉर एनिमल्स की चेयरपर्सन मेनका गाँधी शिकायत करने पर मेनका गाँधी ने तुरंत कलेक्टर, एस पी ओर म्युनिसिपल कमिश्नर से गऊ हत्या एवं अबैध गोंशाला संचालक के विषय पर बातचीत किया और पशुओं के हत्या करने वाले दोषियों पर तुरंत कारवाही करने को कहा। पशु कल्याण अधिकारी डॉ. आशीष त्रिपाठी से रविंद्र आर्य की मुलाक़ात मे विस्तार से बताया कि नगर निगम द्वारा कारकस प्लांट को पांच साल के लिए कांटेक्ट पर दिया गया है। जो उच्च न्यायालय से मान्य है,जिसमे करीब 2 साल पहले कारकस प्लांट मे जिन्दा भैंस और गोंहत्या का मामला सामने आया था। उसको बंद करने के आदेश के उपरांत छ महीने बाद प्लांट खोला गया था। अभी मई महीने मे नगर निगम की बोर्ड की बैठक में मिर्जापुर वार्ड -48 के पार्षद आरिफ खान ने फिर आरोप लगाया कि वहाँ गऊवंशीयों को लगातार रात्रि मे शराब पीकर जिन्दा काटे जा रहे है। उसके उपरांत 31 मई को कारकस प्लांट को नोटिस दिया जाता है, जिसके जबाबदारी मे 3 जून को ठेकेदार महेंद्र सभापति एवं पवन कुमार निवासी हरवंश नगर को नगर निगम पेश होने पर अब प्लांट पर नए नियम लागू होंगे। यह किस्सा ऐसे मानो की जैसे हिलटर ने कहा था। "रूल्स इस फुल" नियम बेवकूफओं के लिए बनाए जाते हैं। डॉ.आशीष त्रिपाठी ने आदेश दिया की कारकस प्लांट मे पशुओं का यूटिलिजेशन रात्रि मे अब कभी नहीं होगा। और प्लांट मे सीसीटीवी कैमरा के साथ इन्वेर्टर सुविधा निगम द्वारा होंगी, जिससे निगम 24 घंटा प्लांट पर नज़र रख सके की कहीं धोखे से जिन्दा पशुओं को चोरी-छुपे मार कर या बेहोश करके तो प्लांट पर नहीं लाएं जाए। इसलिये प्रत्येक महीना सर्वे में पशुओं के मांस की संपलिंग भी होंगी। पशु प्रेमियों और आशिफ खान द्वारा सिद्धार्थ विहार,हिंडन क्षेत्र एवं बहरामपुर को एनसीआर का गौ-तस्करों का गढ़ कहा जाने बाला क्षेत्र अब शायद यह दाग गऊ तस्करों का मिटाया जा सकेगा। गऊ जो मानव जीवन और प्रकृति हिस्सा है, तथा पर्यावरण की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। जिसकी रक्षा करना मानव का धर्म है।
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