कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी महराज शांत, धीर, वीर, गम्भीर स्वभाव के थे, उन्होंने त्याग, तपस्या से सिख धर्म को घर-घर पहुँचाने का कार्य किया, पाखण्ड का समूल नाश करने के लिए लोगों को तैयार किया, वह ब्रह्मज्ञानी तो थे ही बेजोड़, उद्भट विद्वान भी थे| वह लोक में सर्वमान्य गुरु थे, तथा रात-दिन संगत-सेवा में लगे रहते थे, सभी धर्मों और मानवता के कल्याण का भाव उनके मन में था, वह सभी धर्मों के प्रति अपार स्नेह, सम्मान रखते थे, उनका जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा, कट्टरपंथी शासक जहाँगीर गुरु जी से अन्दर ही अन्दर खिन्न रहता था, तपी रेत और तपते तवे पर गुरु जी को अपार यातना दी गयी, लेकिन उन्होंने आह तक नहीं की| मानव कल्याण, सत्य, धर्म की रक्षा के लिए वह शहीद हो गये| उन्हें आज भी शहीदों का सरताज कहा जाता है, सिख धर्म सेवा, त्याग और बलिदान में कभी पीछे नहीं रहा, दूसरे के कष्ट निवारण में अपना सब अर्पण कर देते हैं, इनके अनुयायी| गुरु अर्जुन देव जी के आह्वान पर ही अपनी नेक कमाई का 10 प्रतिशत समाज के लिए, संगत और पंगत के लिए सहर्ष अर्पण करना लोग सिख धर्म से सीखें| हम सभी गुरु अर्जुन देव जी के चरणों में शीश नवाते है, आपके बताये सेवा मार्ग पर चलने का प्रयत्न करेंगें|
कार्यक्रम में प्रमुख लोग शामिल रहे: वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, डा0 विशल लाल गौड़, मुकेश शर्मा, राम दुलार यादव, डा0 देवकर्ण चौहान, एस0 एन0 जायसवाल, बिन्दू राय, रेनूपुरी, शबाना, संजू शर्मा, श्रीमती कमलेश चौधरी, अनीता सिंह, एस0 पी0 छिब्बर, विक्की ठाकुर, राम नरेश यादव, अवधेश यादव, सुनील चौहान, गुड्डू यादव, सुशील वर्मा, कृष्ण कुमार दीक्षित, कपिल गर्ग, ओम प्रकाश अरोड़ा, तरविंदर सिंह, शिवानन्द चौबे, नागेन्द्र मौर्य, राजेश यादव, बाबू सिंह आर्य, अंशु ठाकुर, संजय पटेल, राहुल यादव, फौजुद्दीन, माजिद ठाकरान आदि|
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